आदरणीय श्री मोदी जी, जय श्री राम जी, लॉकडाउन में हम कंगाल हो गए: आपका भक्त
By आशीष सक्सेना
आदरणीय श्री मोदी जी, जय श्री राम जी,
मैं मुकेश कुमार माथुर, भाजपा, राष्ट्रीय हिंदू संघ (प्रदेश महासचिव, दिल्ली)। श्री मानजी ना मेरे पास राशन कार्ड है ना गैस सिलेंडर ना कोई अपना मकान है। श्री मान जी किराए के मकान दिल्ली में रहता हूं।
लॉकडाउन की वजह से बहुत मुश्किल आ गई है। मकान मालिक किराया मांगते हैं, नहीं तो कमरा खाली करने को बोल रहे हैं। कमाई नहीं है।श्री मान जी कैसे होगा गुजारा। राशन भी नहीं मिला है, न दिल्ली सरकार से न किसी और सरकार से।
आदरणीय श्री जी, मेरी अपील है मैं टैक्सी कार चलता हूं। नोएडा सेक्टर 126 एचसीएल में वेंडर पैसा नहीं दे रहे हैं। मेरे जैसे मेरे साथ कई ड्राइवर हैं जिनका पैसा नहीं मिला है। वेंडर ने अपना काम बंद कर दिया है। फरवरी और मार्च की पेमेंट है जोकि नहीं दे रहे हैं।
कार का उत्तर प्रदेश राज्य का टैक्स भरना है। कार की किस्त भी देनी है, जिस पर पेनाल्टी लगा दी गई है। क्या करें श्री मान जी कृपया हमारी मदद करें।
– मुकेश कुमार माथुर
केंद्रीय श्रममंत्री के आधिकारिक फेसबुक पेज पर 6 जून को जब मोदी सरकार की मजदूरों के लिए सहूलियत का प्रचार हुआ तो मुकेश माथुर वहां भी गुहार लेकर पहुंचे। कुल 39 कमेंट में 12 मुकेश माथुर ने ही किए, जिसमें वही बात कही गई, जो उन्होंने अपने कथित महान नेता नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर कही है।
‘वर्कर्स यूनिटी’ से बातचीत में मूलत: बरेली के मढ़ीनाथ मुहल्ले के रहने वाले मुकेश माथुर ने कहा कि सबकों ट्वीटर और फेसबुक से परेशानी बता चुका हूं, लेकिन कोई जवाब कहीं से नहीं आया। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में दिल्ली के एक भाजपा नेता ने तीन हजार रुपये से मदद की।
मुकेश से जब पूछा कि इतने समर्पित कार्यकर्ता होने के बाद भी आपकी मदद क्यों नहीं हो रही, तो बोले हम मामूली से कार्यकर्ता हैं, सरकार बनाने से पहले पूछ होती है, बाद में कोई नहीं पूछता। वे इतने निराश हो चुके हैं कि अब शायद भाजपा की ओर मुंह भी न करें।
भाजपा के ‘भ्रम का जादू’
मुकेश कुमार माथुर की फेसबुक पोस्टें बताती हैं कि वे किस कदर भाजपा आईटी सेल और भाजपा नेताओं के झूठ को सच मान बैठे, जबकि हकीकत का सामना हुआ तो तस्वीर कुछ और है।
फेसबुक की कई पोस्ट लॉकडाउन के दौरान की ही हैं, जिनमें किसी न किसी अखबार का लिंक होने जैसा भ्रम पैदा किया गया है, जो कि भाजपा आईटी सेल करती ही है।
मसलन, अंग्रेजी अखबार द हिंदू और टाइम्स ऑफ इंडिया के नाम से हिंदी में खबरें दिखाई गई हैं, जिनमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमण रोकने में भारत सरकार सबसे अच्छा काम कर रही है, यहां संक्रमण काफी घट चुका है और देश की नेता टीम की तरह जुटे पड़े हैं।
कट्टर हिंदुत्व के नाम पर ठगे गए कार्यकर्ता
अधिकांश साधारण पृष्ठभूमि के भाजपा कार्यकर्ता कट्टर हिंदुत्व के नाम पर ठगे गए और मुस्लिम विरोध के अलावा कोई एजेंडा उनके लिए नहीं रहा।
तीन बच्चों के पिता मुकेश परिवार समेत अच्छी जिंदगी गुजारने को दिल्ली गए, लेकिन इसी कट्टर राजनीति का शिकार हो गए। कार चलाकर गुजारा करने वाले इस युवक को राष्ट्रीय हिंदू संघ का प्रदेश महासचिव बनाकर खुशफहमी पैदा कर दी गई। संभव है, इस पद के लिए भी मुकेश ने मेहनत की कमाई लुटाई हो।
मुकेश माथुर जिस बरेली के रहने वाले हैं, वहां के ही श्रममंत्री संतोष गंगवार हैं और सभी विधायक भी भाजपा के हैं। सबके सब दुबके बैठे हैं अब तक, शक्ल तक नहीं दिखाई जनता को।
जिस मढ़ीनाथ के रहने वाले मुकेश माथुर हैं, वहां और उससे सटे वंशीनगला में मजदूर आबादी रहती है, लेकिन यहां के विधायक और कुछ समय पहले तक उत्तरप्रदेश के वित्तमंत्री रहे राजेश अग्रवाल ने किसी का हाल नहीं लिया। ये इलाका भी भाजपा का गढ़ कहा जाता है।
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