रोहतक: शिवम ऑटोटेक में फर्नेस फटने से 2 मजदूरों की मौत, एक गंभीर; लंबे समय से हो रही थी सुरक्षा जांच की मांग

रोहतक: शिवम ऑटोटेक में फर्नेस फटने से 2 मजदूरों की मौत, एक गंभीर; लंबे समय से हो रही थी सुरक्षा जांच की मांग

आईएमटी रोहतक स्थित शिवम ऑटोटेक लिमिटेड में सोमवार को फर्नेस फटने से दो मजदूरों की झुलसकर मौत हो गई और एक मजदूर की हालत गंभीर है।

फैक्ट्री में समुचित सुरक्षा व्यवस्था के अभाव के कारण हुए एक दर्दनाक हादसे पर मजदूर संगठन CITU ने गहरा दुख प्रकट करते हुए दोनों मृतक मजदूरों के परिवारों को 50-50 लाख रुपए मुआवजा और गंभीर रूप से घायल तीसरे मजदूर के पूरे इलाज की मांग की।

साथ ही हादसे के लिए जिम्मेवार कंपनी मालिक समेत लेबर डिपार्टमेंट के आला अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

CITU रोहतक जिला सचिव विनोद और भवन निर्माण कामगार यूनियन के नेता बिजेंद्र बलियाना ने कहा कि वहां कार्यरत मजदूरों ने बताया कि वह लंबे समय से कंपनी के आला अधिकारियों को कार्यस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने की लगातार मांग कर रहे थे,परंतु हर बार उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया।

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गौरतलब है कि सोमवार सुबह लगभग 7:30 बजे शिवम ऑटोटेक लिमिटेड (जो ऑटो गियर बनाने का काम करती है) के हीट ट्रीटमेंट डिपार्टमेंट में फर्नेस फट जाने से उच्च तापमान का साल्ट वहां काम कर रहे रमेश, बिजेंदर और सच्चिदानंद पर जा गिरा, जिसके चलते वह गंभीर रूप से झुलस गए।

घटना के बाद कोई प्राथमिक उपचार और एंबुलेंस की सुविधा ना होने के चलते तीनों पीड़ित मजदूर लगभग आधे घंटे तक वहां तड़पते रहे और बाद में एक लोडिंग ट्रक में डालकर उन्हें पीजीआई रोहतक में दाखिल करवाया गया।

वहां पहुंचने पर रमेश और बिजेंदर को मृत घोषित कर दिया गया, वहीं सच्चिदानंद की हालत काफी गंभीर बनी हुई है।

हादसे की सूचना मिलने के बाद मजदूर संगठन CITU के प्रतिनिधि घटनास्थल पर पहुंचे और हादसे से आक्रोशित मजदूरों से मुलाकात की।

मजदूर नेताओं ने कहा कि इस फैक्ट्री के अंदर मजदूरों से 12-12 घंटे का काम लिया जाता है और फैक्टरी के अंदर ना तो कैंटीन और ना ही शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।

ऐसे कार्यस्थल पर प्राथमिक उपचार और मजदूरों की सुरक्षा से संबंधित मापदंडों की स्थिति को समझा जा सकता है।

इस कंपनी में कार्यरत ठेका मजदूरों को ईएसआई और पीएफ का अंशदान काटे जाने के बावजूद भी कोई ईएसआई कार्ड उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर उद्योगों के अंदर ऐसे ही हालात बने हुए हैं।

फैक्ट्री के अंदर सरेआम देश के कानूनों की उल्लंघना हो रही है और जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग के भ्रष्ट अधिकारी खुलेआम नियमों की उल्लंघना करने वाले फैक्ट्री मालिकों के पक्ष में खड़े हैं और इसकी कीमत हादसों का शिकार बन रहे मजदूरों को चुकानी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि सीटू इस जंगलराज को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और हादसे का शिकार बने मजदूरों को इंसाफ दिलवाने, उद्योगों में श्रम कानूनों की सख्ती से पालना करवाने के लिए आर पार का आंदोलन करेगी।

मजदूर नेताओं ने मांग करते हुए कहा कि मामले की जांच कर आपराधिक लापरवाही बरतने वाले फैक्ट्री मालिक और फैक्ट्री मालिकों से मिलीभगत करने वाले श्रम विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।

हादसे का शिकार बने मृतक दोनों मृतक मजदूरों के परिवारों को 50-50 लारव रुपए मुआवजा और नौकरी का आश्रितों को नौकरी का प्रबंध किया। हादसे में घायल गंभीर रूप से झुलस चुके घायल मजदूरों के इलाज का पुख्ता प्रबंध किया जाए।

साथ ही फैक्ट्री में इएसआई-पीएफ के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े की जांच करते हुए श्रम कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाया जाए।

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Workers Unity Team

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