दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन में जरूरी उपकरण के अभाव में 25 सफाईकर्मियों की मौत

दिल्ली: कोरोना लॉकडाउन में जरूरी उपकरण के अभाव में 25 सफाईकर्मियों की मौत

दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग (डीसीएसके) ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने कोविड-19 लॉकडाउन की अवधि के दौरान जरूरी उपकरणों के अभाव में 25 सफाई कर्मचारियों की मौत का संज्ञान लिया है।

वहीं दिल्ली सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल एवं न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ के समक्ष पेश हलफनामे में आयोग ने कहा है कि मुआवजा व अनुकंपा नियुक्ति की सिफारिश की गई है। वहीं, कुछ मामलों में एक करोड़ से दस लाख रुपये तक के मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है।

डीसीएसके ने ये हलफनामा सफाई कर्मियों के लंबित वेतन व चिकित्सा सुविधा की मांग को लेकर विचाराधीन याचिका पर दिया है।

याचिकाकर्ता हरनाम सिंह के अधिवक्ता महमूद प्राचा ने आयोग के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। खंडपीठ ने समय प्रदान करते हुए सुनवाई 13 सितंबर के लिए स्थगित कर दी।

आयोग ने पीठ को यह भी बताया कि याचिका वेतन और सुरक्षा उपकरणों से संबंधित है, लेकिन इसमें तीनों नगर निगमों व छावनी परिषद को पक्षकार नहीं बनाया गया है।

पीठ उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सफाईकर्मियों की लंबित तनख्वाह जारी करने, उन्हें चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ निजी सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है।

आयोग ने कहा कि सफाई कर्मचारियों को वेतन का भुगतान न करने का स्वत: संज्ञान लेते हुए उसने एमसीडी को समय पर बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया है, क्योंकि कर्मचारी वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उच्च न्यायालय ने इससे पहले नोटिस जारी कर याचिका पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिल्ली सरकार के साथ-साथ राष्ट्रीय और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग से जवाब मांगा था।

दिल्ली निवासी हरनाम सिंह, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व अध्यक्ष की याचिका में आरोप लगाया गया है कि जिस समय महामारी की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ रही थी, उस समय सफाई कर्मचारियों को आवश्यक सुरक्षात्मक उपकरण के बिना काम करने के लिए मजबूर किया गया था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए गठित दो आयोगों ने भी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया।

याचिका में दावा किया गया है, ‘इसके अलावा इन सफाई कर्मचारियों और उनके परिवारों के इलाज और देखभाल के साथ-साथ चिकित्सा बीमा की कोई सुविधा प्रतिवादियों (केंद्र, दिल्ली सरकार और आयोगों) द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है।’

इसने यह भी दावा किया है, ‘उक्त स्थिति के कारण उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी जनवरी 2021 की शुरुआत से हड़ताल पर हैं, जबकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों ने भी हाल ही में हड़ताल की घोषणा की है।’

उन्होंने कहा, ‘चूंकि सफाई कर्मचारियों को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया है, इसका स्वच्छता और आम जनता की सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव पड़ेगा।’

(साभार- द वायर)

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Amit Singh

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