2 साल से सैलरी न मिलने पर नामी प्राइवेट स्कूल के टीचर ने की आत्महत्या
दो साल से सैलरी न मिलने और भयंकर आर्थिक तंगी से जूझते दिल्ली एक नामी स्कूल के टीचर ने अपने घर में खुदकुशी कर ली है। परिजनों ने स्कूल पर सैलरी रोके जाने का आरोप लगाया है।
बताया गया है कि टीचर सैलरी को लेकर परेशान चल रहे थे और लेबर कोर्ट में इससे जुड़ा कोई मामला भी चल रहा था। ये घटना मंगलवार को दिल्ली के पीतमपुरा की है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। टीचर लंबे समय से परिवार के साथ पीतमपुरा में रह रहे थे।
पीतमपुरा इलाके में अपने परिवार के साथ रहने वाले तनूप जोहर रोहिणी के एक नामी स्कूल में टीचर थे। लंबे समय से सैलरी न मिलने की वजह से उन्होंने मंगलवार को फांसी के फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या करने से पहले जोहर ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है। जिसमें उन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक और उनकी पत्नी का नाम लिखा है।
रोहिणी के एक नामी स्कूल में वो पिछले कई सालों से टीचर के तौर पर काम कर रहे थे। आरोप है कि पिछले करीब दो सालों से उन्हें स्कूल द्वारा सैलरी नहीं दी जा रही थी। इसी बात को लेकर कई बार वो स्कूल प्रशासन और स्कूल के मालिक से पत्राचार भी कर चुके थे।
लेकिन बावजूद इसके उन्हें सैलरी के नाम पर सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा था। तनूप पीतमपुरा के भानु एनक्लेव में अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में उनकी पत्नी, भाई और मां हैं। 2 साल से सैलरी ना मिलने की वजह से वह आर्थिक दिक्कतों में चल रहे थे और दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था।
परिवार का कहना है कि अगर स्कूल प्रशासन द्वारा एक साथ नहीं बल्कि किस्तों में ही सैलरी दे दी जाती, तो तनूप यह खौफनाक कदम ना उठाते। परिवार ने आत्महत्या के पीछ स्कूल प्रशासन और स्कूल मालिकों को जिम्मेदार ठहराया है। पीड़ित परिवार ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग भी की है।
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