उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हुए भीषण सड़क हादसों में 15 प्रवासी मज़दूरों की मौत
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प्रधानमंत्री ने मजदूरों की मजबूरियों को ‘तप और त्याग’ का जो नाम दिया है, वह उनकी जान लेने पर आमादा है।
लॉकडाउन की दुश्वारियों से जूझ रहे मजदूरों की जिंदगी खासी खतरे में है। दो अलग-अलग दुर्घटनाओं में 14 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों जिंदगी मौत से अभी जूझ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बृहस्पतिवार सुबह पैदल अपने घर लौट रहे मजदूरों को रोडवेज बस ने रौंद दिया। हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई, जबकि दो की हालत नाजुक है। बिहार लौट रहे ये सभी मजदूर पंजाब में काम कर रहे थे।
मजदूर पैदल चलते हुए जैसे ही मुजफ्फरनगर कोतवाली के सहारनपुर रोड पर पहुंचे कि एक रोडवेज बस ने उन्हें कुचल दिया। पुलिस के अनुसार मृतक मजदूर बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं।
वहीं, मध्यप्रदेश के गुना में बृहस्पतिवार सुबह लगभग तीन बजे प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र से यूपी ले जा रहे ट्रक की बस से भिड़ंत होने पर 8 मजदूरों की मौत हो गई और 54 से ज्यादा घायल हो गए। ये मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश के उन्नाव में अपने घर आ रहे थे। ट्रक पर 70 मजदूर सवार थे। हादसे के वक्त अधिकांश मजदूर सो रहे थे।
एक अन्य घटना में यूपी के जालौन में प्रवासी मजदूर का शव घंटों सड़क पर पड़ा रहा, लेकिन सूचना के बाद भी मौके पर पुलिस नहीं पहुंची। मामला नेशनल हाइवे पर एनटीपीसी प्लांट के पास का है। यहां तेज रफ्तार डम्फर ने एक मजदूर को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
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