अग्निपथ योजना के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा भी मैदान में: 24 जून को देशव्यापी विरोध की घोषणा
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के देशव्यापी विरोध को अपना समर्थन देते हुए 24 जून को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
संगठन ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अग्निपथ योजना किसानों से बदला लेने की एक और चाल है, जिसके विरोध में जिला व तहसील मुख्यालय पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी युवा, जन संगठन और राजनीतिक दल से अपील की है कि वे विरोध दिवस में शामिल हों।
मोर्चे की अगली राष्ट्रीय बैठक 3 जुलाई को गाजियाबाद में रखी गई है।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने विरोध प्रदर्शनों को शांतिपूर्ण रखने की अपील करते हुए इस योजना को सेना विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी करार दिया है।
जब केंद्र सरकार “जय जवान जय किसान” के नारे की भावना को नष्ट करने पर तुली हुई है, तो किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि इस संघर्ष में जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहें।
संयुक्त किसान मोर्चा की सात-सदस्यीय समन्वय समिति ने आज करनाल (हरियाणा) में हुई अपनी बैठक में यह निर्णय लिया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी खिलवाड़ है।
इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है और अधिकांश सैनिक किसान परिवारों से हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के सम्मान और आर्थिक मजबूती से जुड़ी है।
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यह देश के लिए शर्म की बात है कि “वन रैंक वन पेंशन” के वादे के साथ पूर्व सैनिकों को रैली करके अपने विजय अभियान की शुरुआत करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब “नो रैंक नो पेंशन” की इस योजना की शुरुआत की है।
सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ विश्वासघात है, जिन्होंने वर्षों से सेना में सेवा करने का सपना संजोया था।
यह कोई संयोग नहीं है कि इस योजना में “ऑल इंडिया ऑल क्लास” के नियम के तहत भर्ती करने से उन क्षेत्रों से भर्ती में सबसे बड़ी कमी आएगी जहां किसान आंदोलन अधिक सक्रिय था।
किसान आंदोलन के हाथों अपनी हार से स्तब्ध इस सरकार के पास किसानों से बदला लेने की एक और चाल है।
विरोध दिवस में केंद्र सरकार का पुतला दहन किया जाएगा और जय जवान जय किसान के नारों के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के बाद भारत के राष्ट्रपति, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर, सभी जिला, तहसील या ब्लॉक मुख्यालयों में एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना का विरोध कर रहे सभी युवाओं से अपील की है कि इस शांतिपूर्ण विरोध की गरिमा का सम्मान करते हुए इस विरोध दिवस में शामिल हों।
यह प्रेस विज्ञप्ति डॉ. दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह और योगेंद्र यादव द्वारा सामूहिक रूप से जारी किया गया।
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