किसान परेड से पीछे हटने का सवाल ही नहीं- संयुक्त किसान मोर्चा
आगामी किसान परेड के मद्देनजर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत में, सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने किसान गणतंत्र दिवस परेड के लिए संयुक्त रूप से परेड के मार्ग को अंतिम रूप दे दिया हैं , साथ ही परेड को अनुशासित बनाए रखने के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं।
किसान परेड को देश भर से किसानों और नागरिको की जबरदस्त उत्साह और प्रतिक्रिया मिल रही है। अलग-अलग प्रदेशों से इस परेड में भाग लेने के लिए किसान हजारों की संख्या में दिल्ली का रुख कर चुके है।
किसान संगठनों द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को “आज़ाद हिंद किसान दिवस” मनाने की कॉल को देशभर के किसानों ने समर्थन दिया।
वही किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी देने के लिए देशभर से किसानों मजदूरों का दिल्ली आना जारी है।
ओडिशा से चली ‘किसान दिल्ली चलो यात्रा’ आज गाजीपुर बॉर्डर पहुँची। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ व उत्तर प्रदेश के करीब 1000 किसान आज मार्च करते हुए आज गाजीपुर बार्डर पहुंचे।
देश भर में प्रदर्शन
वही देश के अलग-अलग राज्यों में स्थानीय स्तर पर भी किसान आंदोलन को समर्थन करते हुए प्रदर्शन हो रहे है।
झारखंड के गढ़वा में किसानो मजदूरों ने पैदल मार्च किया। रांची में स्थानीय लोगो और किसानों ने राजभवन तक मार्च निकाला। भोपाल, भिंड, रीवा, ग्वालियर समेत मध्यप्रदेश में किसान लगातार काले कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
बिहार के दरभंगा, भोजपुर समेत कई जगह धरने प्रदर्शन किये गये और पटना के गांधी मैदान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए किसानों ने किसान आंदोलन सफल बनाने का संकल्प लिया।
तमिलनाडु में भी हज़ारों किसानों ने राजभवन तक मार्च किया और गिरफ्तारियां दी।
शेतकारी सयुंक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आज़ाद हिंद किसान दिवस मनाते हुए, 20000 वाहनों का मार्च नासिक से मुंबई तक निकाला गया।
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