आरक्षण से हरियाणा की स्टार्टअप कंपनियों में खलबली, कारोबार समेटने की धमकी

आरक्षण से हरियाणा की स्टार्टअप कंपनियों में खलबली, कारोबार समेटने की धमकी

हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा लाये गये निजी क्षेत्र में लोकल लोगों को नौकरी में 75 % आरक्षण देने के फैसले का विरोध होना शुरु हो गया है।

NASSCOM ने हरियाणा के खट्टर सरकार को चेताया है कि इससे स्टार्टअप दूसरी जगह पर पलायन कर सकते हैं। बीजेपी सरकार का यह फैसला उनके लिए मुफीद नहीं हैं।

उनके मुताबिक सरकार के इस फैसले से वो कंपनियां जो दूर नहीं जाना चाहती ,वो नोएडा,ग्रेटर नोएडा और दिल्ली का रुख कर सकती हैं। यह कंपनियां कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु भी जा सकती है।

वहीं खट्टर सरकार के इस फैसले से निजी कंपनियों के बीच खलबली मच गई है। इसके बाद यह डर बढ़ गया है कि ऐसे में कंपनियां राज्य से पलायन करना शुरु कर देंगी। कई कंपनियों और उद्योगों ने इस फैसले के संबंध में सरकार को लिखा है। उन्होंने राज्य सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग भी की है।

इंडस्ट्रीज के स्टेकहोल्डर ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना की है। उनका कहना है कि इससे राज्य से कंपनियां पलायन करेंगी और नौकरियों की संख्या में भी भारी कमी होगी।

मालूम हो कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने ये ऐलान किया था कि निजी क्षेत्र में लोकल लोगों को नौकरी में 75 फीसदी आरक्षण दिया जायेगा। बाद में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ये साफ कर दिया था कि केवल नॉन टेक्निकल नौकरियां में ही 75 % आरक्षण मिलेगा।

उधर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लोकल को आरक्षण देने के फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि भारत एक देश है। वह इंडिया फॉर इंडियंस की थ्योरी में विश्वास रखते है। अमरिंदर ने कहा कि उद्योगों का क्षेत्रीकरण करने  का प्रतिकूल असर होगा।

NASSCOM का कहना है कि स्टार्ट अप को सरकार से संरक्षण की जरुरत है न कि इनके ऊपर बेवजह का दबाव डाला जाए । जॉब रिजवेर्शन इसकी सेहत पर प्रतिकूल असर डालेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा के लिए प्रतिकूल होगा । ऐसा होता है तो सूबे में नौकरी अपने आप कम हो जाएंगी।

( जनसत्ता की खबर से साभार)

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Abhinav Kumar

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