16 दिनों से कंपनी गेट पर बैठे मज़दूरों और मैनेजमेंट के बीच वार्ता विफल
बहरोड़ औद्योगिक क्षेत्र फेज़- 2 स्थित ऑटोनियम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के गेट पर जारी मज़दूरों के विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिती में श्रमिकों और फैक्ट्री प्रबंधन के वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकला।
मालूम हो कि पिछले 17 दिनों से कंपनी द्वारा मज़दूरों के गेटबंदी के बाद मज़दूर कंपनी गेट पर धरने पर बैठे हैं।
गुरुवार को श्रम विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दूसरे दिन हुई वार्ता में कुछ बिंदुओं पर श्रमिकों और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच सहमती नहीं बन पाई।
लेबर इंस्पेक्टर राकेश कुमार बहरोड़ उपखंड कार्यालय पर पहुंचे जहां पर करीब चार घंटे तक श्रमिकों की वार्ता मैनेजमेंट के साथ चलती रही।
इस वार्ता के दौरान ऑटोनियम एकता यूनियन के सदस्यों ने बताया कि फैक्ट्री मैनेजमेंट के एचआर हेड रमेश यादव के द्वारा मज़दूरों के साथ जो वायदे किये गये थे, आज सभी नकार दिये गये।
उन्होंने आरोप लगाया कि यूनियन को तोड़ने के लिए मैनेजमेंट ने मज़दूरों को प्रताड़ित करने के सारे सीमाएं तोड़ दिये हैं।
श्रमिकों ने बताया कि मैनेजमेंट ने लाखों रुपये का बोनस रोका हुआ है, ग्रेज्युटी रोक कर रखा गया है। और जब यूनियन इन सब सवालों को उठाता है तब मज़दूरों को हर तरीके परेशान किया जाता है।
इससे पहले कंपनी प्रबंधन ने 33 मज़दूरों के फैक्ट्री कैंपस के अंदर आने के खिलाफ गेटबंदी कर दी है। इन 33 श्रमिकों में से 2 का ट्रांसफर कर दिया गया है,4 को टर्मिनेट कर दिया गया है जबकि 9 श्रमिकों को संस्पेड कर दिया गया है।
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