तमिलनाडु में कोविड ड्यूटी में जान देने वाले डॉक्टरों के परिवार को मिलेगा 25 लाख का मुआवजा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जान गंवाने वाले 43 डॉक्टरों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये देने का एलान किया है। न्यूइंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने इस दौरान ड्यूटी पर रहने वाले मेडिकल स्टाफ को तीन महीने यानी अप्रैल, मई और जून में इंसेंटिव देने का एलान भी किया।
एक विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों, नर्सों, सफाईकर्मियों, लैब टेक्नीशियंस, सीटी स्कैन कर्मियों, एम्बुलेंस कर्मियों आदि को उनके सराहनीय काम के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। इसके मुताबिक, अप्रैल-मई और जून में जो स्टाफ डयूटी पर था, उसे बोनस मिलेगा। इसमें डॉक्टरों को 30 हजार रुपये, नर्सों को 20 हजार और अन्य स्टाफ को 15-15 हजार रुपये बोनस के तौर पर दिए जाएंगे।
वहीं, ट्रेनी और पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को भी अतिरिक्त 20 हजार रुपये का बोनस मिलेगा। एआइडीएमके के संयोजक ओ पनीरसेल्वम ने सरकार के इस एलान का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमने कुछ दिनों पहले ही इसकी मांग की थी। हमारी मांग को पूरा करने के लिए हम मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं।’
हालांकि पार्टी के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ईके पलनीस्वामी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। सरकार के एलान पर भाजपा के राज्य अध्यक्ष एल मुरुगन ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि विपक्ष में रहते हुए उन्होंने पिछले साल 15 अप्रैल को कोरोना के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले मेडिकल स्टाफ को एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की थी।
बाद में जब पिछले साल छह अगस्त को एआइडीएमके सरकार ने मेडिकल कर्मियों का मुआवजा 50 लाख से घटाकर 25 लाख रुपये कर दिया था तो डीएमके ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुख्यमंत्री को अपनी मांगे याद करके मुआवजे का एलान करना चाहिए था। उन्हें कोविड डयूटी के दौरान जान गंवाने वाले डॉक्टरों के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा देने का एलान करना चाहिए।’
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)