वोल्टास के मज़दूरों ने कर दिया टूल डाउन,6 अप्रैल से जायेंगे हड़ताल पर
उत्तराखंड के पंतनगर स्थित वोल्टास कंपनी के 9 मज़दूरों की कार्यबहाली, माँगपत्र के समाधान और मज़दूरों के शोषण के खिलाफ मज़दूरों ने हड़ताल की तिथि आगे बढ़ाकर 2 अप्रैल से कंपनी परिसर में टूल डाउन आंदोलन शुरू कर दिया है।
पूर्व में दी गई सूचना के तहत 2 अप्रैल से मज़दूर पूर्णकालिक हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन कंपनी के एचआर प्रबंधक ने श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष से बातचीत कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
जिसके बाद मोर्चा के अनुरोध पर वोल्टास इंप्लाइज यूनियन ने हड़ताल की तिथि आगे बढ़ा दी और कहा कि यदि 5 अप्रैल तक समाधान नहीं निकला तो 6 अप्रैल से सभी मज़दूर हड़ताल पर जाएंगे।
फिलहाल मज़दूरों ने 2 अप्रैल से टूल डाउन आंदोलन शुरू किया जो पहले दिन 1 घंटे का था। मज़दूरों का कहना है कि समाधान ना निकलने पर यह अवधि लगातार बढ़ती जाएगी, जो 6 अप्रैल को पूर्ण वैधानिक हड़ताल में बदल जाएगी।
यूनियन अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि “कंपनी में नए वेतन समझौते के लिए दिसंबर 2017 में यूनियन ने मांग पत्र दिया था। जिसके बाद से ही प्रबंधन दमनकारी नीतियों पर चलने लगा। यूनियन ने स्थायीकरण की मांग की थी तो उसने अस्थाई मज़दूरों को बाहर किया।”
मनोज ने आगे बताया कि ” मज़दूरों की पूर्ववर्ती कई सुविधाओं और वेतन में लगातार कटौती की जा रही है। यूनियन के एक सदस्य विक्रम सिंह नेगी को फर्जी आरोपों में निलंबित करके बर्खास्त कर दिया गया।”
यूनियन के सदस्यों ने बताया कि ” मज़दूरों के अपनी मांगों पर अडिग रहने की वजह से यूनियन अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री सहित 8 मज़दूरों के खिलाफ़ कारवाई करते हुए कंपनी ने 25 सितंबर 2019 को गेट बंद कर दी। जिसे उसने पहले ले ऑफ बताया। उप श्रम आयुक्त द्वारा ले ऑफ गैर कानूनी घोषित होने के बाद उसने 14 फरवरी 2020 से काम ना होने का बहाना लेकर इन 8 श्रमिकों की सेवा समाप्ति कर दी।”
“यह सारी गैरकानूनी गतिविधियां प्रबंधन की लगातार जारी है और डेढ़ साल से 9 मज़दूर गेट बंदी के कारण कंपनी गेट के बाहर संघर्षरत हैं। जबकि कम्पनी के अंदर मज़दूर भूखे रहकर काम कर रहे हैं।”
यूनियन महामंत्री दिनेश चंद्र पंत ने बताया कि “प्रबंधन की गैरकानूनी गतिविधियों का लगातार जारी रहने और बढ़ने में श्रम अधिकारियों की भूमिका है। उन्होंने पूरे मामले को लगातार टालने, उलझाने और प्रबंधन को बल देने का काम किया है।”
पंत कहना है कि ” हालात बेहद कठिन हो जाने के बाद यूनियन ने 2 अप्रैल से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। इस बीच अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय कमेटी से भी वार्ता हुई, लेकिन प्रबंधन का अड़ियल रुख कायम रहा।”
यूनियन के अनुसार कंपनी के एचआर प्रबंधक ने श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधमसिंह नगर के अध्यक्ष को फोन कर कहा कि आप हड़ताल पर न जाये,बातचीत कर इस मामले को सुलझाया जाये।
इसको देखते हुए मोर्चा और यूनियन के बीच आज सुबह बातचीत हुई और अंत में हड़ताल को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
चुंकि मज़दूर आर पार की लड़ाई की तैयारी के साथ आज कंपनी आए थे। इसको देखते हुए यूनियन ने हड़ताल से पहले टूल डाउन शुरू कर दिया है।
यह गौरतलब है कि टाटा ग्रुप की एसी निर्माता वोल्टास कंपनी में महज 38 श्रमिक स्थाई है। उनमें से भी 9 श्रमिक बाहर हैं। कंपनी का पूरा काम गैरकानूनी रूप से ठेका और नीम ट्रेनी मज़दूरों से होता है।
यूनियन द्वारा तमाम शिकायतों के बावजूद इस गैरकानूनी गतिविधि पर अब तक श्रम विभाग और प्रशासन ने कोई भी कार्यवाही नहीं की है।
यूनियन का कहना है कि इससे साफ है कि प्रबंधन के सारे गैरकानूनी कृत्यों को श्रम अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।
यूनियन ने बताया कि मज़दूरों ने आरपार के आंदोलन का मन बना लिया है और अब समस्त श्रमिकों की सवेतन कार्यबहाली के बाद ही हमारा यह आंदोलन रुकेगा।
(मेहनतकश की खबर से साभार)
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