इनइक्वालिटी वायरसः लॉकडाउन में अमीरों ने कमाई छप्पर फाड़ दौलत, ग़रीब नहीं उठ पाएंगे 10 साल तक- रिपोर्ट
कोरोना वायरस को काबू करने में दुनिया भर में लगाए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था तो चौपट की है लेकिन इसी दौरान दुनिया के अमीरों ने दिन दूना रात चौगुना मुनाफ़ा बटोरने की कहावत को चरितार्थ कर दिया है।
दुनिया भर में कोरोना की पहली लहर के एक महीने बाद ही दुनिया के शीर्ष अमीरों ने अपनी भरपाई कर ली थी और उसके बाद उन्होंने अकूत मुनाफ़ा कमाना शुरू कर दिया। लेकिन इस दरम्यान ग़रीब और मध्यवर्ग के हालात ज़्यादा ख़राब हुए, अनुमान ही लगाया जा सकता है कि शायद अगले 10 सालों के बाद ही वे इसके झटके से उबर पाएं।
इस वजह से दुनिया भर में अमीरी और ग़रीबी के बीच की खाई ऐतिहासिक रूप से बढ़ी है और ऑक्सफ़ैम ने ग्लोबल रिपोर्ट 2021 में इसे ‘इनइक्वालिटी वायरस’ (ग़ैरबराबरी वायरस) का नाम दिया है।
ताज़ा रिपोर्ट अनुसार, कोरोना महामारी से उबरने में दुनिया भर के मेहनतकश वर्ग को करीब एक दशक का समय लग जाएगा। लेकिन दुनिया के सुपर रिच और कारपोरेट मालिक एक महीने में ही इसके प्रभाव से मुक्त हो गए थे।
अमेरिका से लेकर भारत तक उद्योगपतियों ने मानो आपदा को अवसर में बदल दिया। संपत्ति बढ़ाने का ऐसा खेल हुआ किसी भी गरीब की समझ से बाहर है।
चलिए सबसे पहले आपको अमेरिका के हालात बयां करते हैं। अमेरिका के 25 कॉर्पोरेशन ने पिछले साल की तुलना में 2020 में 11 प्रतिशत अधिक मुनाफ़ा कमाया। वहीं अमेरिका के छोटे व्यवसायों को साल की दूसरी तिमाही में 85 प्रतिशत से अधिक घाटा उठाना पड़ा।
भारत के सुपर रिच इस मामले में और उस्ताद निकले हैं। रिपोर्ट में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 21वें पायदान से छलांग मारकर सीधे छठवें पायदान पर पहुंचने वाले भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी के बारे में कुछ सनसनीखेज़ बातें कही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च से अक्टूबर 2020 के बीच मुकेश अंबानी की संपत्ति दोगुनी बढ़कर 78.3 अरब डॉलर पहुंच गई।
उस दौरान, केवल चार दिनों में अंबानी की संपत्ति में औसत वृद्धि रिलायंस इंडस्ट्रीज के सभी 195,000 कर्मचारियों की कुल सालाना वेतन से ज्यादा थी।
हालांकि ताज्जुब की बात है कि ऑक्सफ़ैम की रिपोर्ट में गौतम अडानी का नाम नहीं है जिनकी दौलत में पिछले साल बेशुमार इजाफ़ा हुआ और इस साल बीते मई में वो एशिया के दूसरे सबसे बड़े सुपर रिच बन गए थे।
ब्लूमबर्ग बिलियोनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक 67.6 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ गौतम अडानी दुनिया के 14वें धनी उद्योगपति बन गए। वो मुकेश अंबानी से महज एक पायदान पीछे हैं। मुकेश अंबानी दुनिया के 13वें सबसे अमीर आदमी हैं।
अडानी की दौलत में बढ़ोत्तरी की ख़बर और हैरतअंगेज़ है। ब्लूमबर्ग ब्लूमबर्ग बिलियोनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, अडानी की संपत्ति में इसी साल 34 अरब डॉलर इजाफ़ा हुआ। यानी इसी दौरान उन्होंने अपनी दौलत दोगुनी कर ली।
चलिए अब आपको बताते हैं अमेरिकी उद्योगपति जेफ बेजोस के बारे में, जो अमेज़ॉन के मालिक हैं। ऑक्सफ़ैम रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 में दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ़ ने मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 में अकेले जितनी आमदनी अर्जित की उससे वह अमेजॉन के सभी 8,76,000 कर्मचारियों को 105,000 डॉलर/कर्मचारी बोनस के तौर पर दे सकते थे। और उसके बावजूद वह उतने ही अमीर रहते जितना वह महामारी की शुरुआत में थे।
एक डॉलर इस समय 73 रुपये के बराबर है, इस हिसाब से ये अंदाज़ा लगा सकते हैं।
मार्च और अगस्त 2020 के बीच, मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) के अरबपतियों ने अपनी संपत्ति में 20% की बढ़ोतरी की। यह उस राशि से दोगुना है जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने उस क्षेत्र के विकास के लिए दिया है। वहीं उस क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता देने के लिए इकट्ठा हुए धन का करीब पांच गुना है।
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों (एलएसी) में भी अमीर और गरीब वर्ग के बीच का यही समीकरण देखने को मिला है।
जहां एक तरफ दुनिया भर के अरबपति लगातार और अमीर होते जा रहे थे वहीं दूसरी तरफ गरीबी में जीवन यापन करने वाले लोग गरीबी के दलदल में फंसते जा रहे हैं।
हाल के अनुमान बताते हैं कि प्रतिदिन 5.50 डॉलर से कम पर गुजारा करने वाले लोगों की संख्या 2020 में 20 करोड़ से बढ़कर 50 करोड़ तक पहुंच गई है।
लगभग हर देश में गरीब लोगों की आय में महामारी के कारण गिरावट दर्ज की गई है। दो-तिहाई से अधिक वे लोग गरीबी की गिरफ्त में आ जाएंगे जो दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं।
(पूरी रिपोर्ट यहां देख सकते हैं।)
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