सिक्योरिटी गार्डों की ख़बर प्रकाशित करने के चंद मिनट बाद ही वर्कर्स यूनिटी को मिली धमकी
By आशीष सक्सेना
अभी चंद मिनट भी नहीं गुजरे। क्यू टेरियर सिक्योरिटी सर्विस की ओर से वर्कर्स यूनिटी को फोन करके धमकी दे दी गई।
फ़ोन करने वाले ने अपना नाम जीपी सिंह बताया और कहा कि कौन बोल रहे हो। उससे जब पूछा कि आप कहां से बोल रहे हैं, तो जवाब दिया कि इंडिया से, राजीव कुमार को फोन और मैसेज क्यों किया।
जब वर्कर्स यूनिटी की ओर से कॉल रिसीव करने वाले जर्नलिस्ट आशीष सक्सेना ने कहा कि एक शिकायत के सिलसिले में राजीव जी को कॉल किया गया, जब फोन नहीं उठा तो उन्हें मैसेज किया गया। मैसेज में भी यही लिखा है।
इतना सुनने के बाद धमकाने वाले ने जोर-जोर से कहना शुरू कर दिया कि किस मीडिया से है तू, कौन है, क्यों फोन किया तूने, मैं देखता हूं तेरे को।
जब उसको बताया कि फिर से सुनो, वर्कर्स यूनिटी मीडिया है, जिसकी वेबसाइट वर्कर्स यूनिटी डॉट कॉम है और मैं उसका पत्रकार आशीष सक्सेना हूं, ये भी बता दिया कि किसलिए फोन किया था, फिर ये सब क्यों बोल रहे हो।
इस पर कहने लगा कि कोरोना चल रहा है, ये यूनियन कब बन गई, कहां रजिस्ट्रेशन है, किसी मीडिया से हो, मैं तुम्हें बताता हूं अभी। फिर उसको जवाब दिया गया कि ध्यान से नोट कर लो, तुम्हारा जो भी नाम है, आशीष सक्सेना नाम है, सीनियर जर्नलिस्ट हूं, जहां से भी पता करना हो वर्कर्स यूनिटी और मेरे बारे में, पता कर लेना, जिस मंत्रालय से पता करना हो, पता कर लेना।
वह बोला तुम दल्ले हो, दो रुपये की दलाली के लिए फोन किया होगा, अब आइंदा मत करना फोन। उसे ये कहकर जवाब दिया गया कि हम क्यों फोन करेंगे, फोन नहीं उठा या जवाब नहीं मिला तो यही लिख भी दिया जाएगा। फिर भी वह धमकाता रहा और फिर फोन ये कहकर काट दिया कि अभी देखता हूं तुमको।
खैर, वर्कर्स यूनिटी के पाठकों को जानकारी है ही कि यह प्लेटफॉर्म मजदूरों और उनके हमदर्दों की सहायता से चलता है।
दूसरी खास बात ये है कि जब कोरोना महामारी के समय मजदूर वर्ग जीने-मरने के संकट जूझ रहा है, कंपनियां इस बहाने उन्हें मौत के मुंह में धकेलने से बाज नहीं आ रही हैं। उनका दुख वर्कर्स यूनिटी सबको बताए, ये भी उन्हें गंवारा नहीं है।
सत्ता के जिन प्रतिष्ठानों को मजदूरों की सहायता के लिए बनाया गया है, वे मजदूरों की मदद से ज्यादा इस बात को लेकर चौकन्ने हैं कि कहीं मजदूर एकजुट होने का कोई प्रयास न करें। इस समय भी वे कंपनियों की ही सेवा में ज्यादा लगे हैं।
धमकाने वाला कोई सरकारी प्रतिष्ठान से जुड़ा कंपनी का एजेंट था या वेतनभोगी गुंडा, ये स्पष्ट नहीं है। लेकिन ये स्पष्ट है कि जब वर्कर्स यूनिटी वेबसाइट, जो कोई व्यक्ति नहीं, उसे इस तरह इस समय धमकाया जा रहा है तो साधारण मजदूरों के सामने कितनी बड़ी मुसीबत होगी।
वर्कर्स यूनिटी की इस मामले में साफ अवस्थिति है कि हम हर हाल में मजदूर वर्ग के साथ खड़े रहेंगे और मजदूरों के दुख-दर्द को बाकी समाज में पहुंचाने और उनकी मदद की यथासंभव कोशिश जारी रखेंगे।
धमकाने वालों को एकमात्र जवाब है- हम तुम्हारी गुंडगर्दी से नहीं डरते, तुम्हारी हर धमकी का जवाब हम मजदूर वर्ग की एकजुटता से देंगे।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं।)