इज़रायल के एक दंगाई ने कहा- ‘हम आज के नाज़ी हैं’
इज़रायल में हालात पिछले साल दिल्ली में हुए दंगों जैसे हो रहे हैं और यहूदी कट्टरपंथी भीड़ फ़लस्तीनी मूल के लोगों पर हिंसक हमले कर रहे हैं जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
भले ही औपचारिक रूप से इज़रायल और फ़लस्तीन में युद्धविराम पर समझौता हो गया हो लेकिन इज़रायल के अंदर यहूदी चरमपंथी समूह फ़लस्तीनियों के घरों और कारोबार पर संगठित हमला कर रहे हैं।
इज़रायल के यहूदी चरमपंथियों ने फिलीस्तीनी नागरिकों पर हमले के लिए अपने आतंकी समूहों को संगठित रखने के लिए मैसेजिंग सर्विस का इस्तेमाल किया। कट्टरपंथी समूह नागरिकों को हथियारबंद कर रहे हैं और अरब मूल के कारोबारियों के ठिकानों पर हमला बोल रहे हैं।
इलेक्ट्रानिकइंतिफदाडाॅटनेट के मुताबिक, वाॅइस मैसेजस, टैक्स्ट और संचार के अन्य टूल्स से संकेत मिलता है कि इन समूहों ने ऐसे शहरों में हमला किया, जहां फिलीस्तीनी लोग यहूदियों के नजदीक रहते हैं, जैसे – उत्तर में हैफ़ा, बैट यम और तिबरियास, मध्य में रामला और दक्षिण में बेर्शैबा।
वेस्ट बैंक में रहने वाले इज़रायल उपनेविशी यहूदियों ने भी इन हमलों में चरमपंथियों का साथ दिया। इन्हें इज़रायल के अधिकारियों से हमलों की सटीक जानकारी मिल रही थी। इन समूहों ने व्हाटसअप, टेलीग्राम और फ़ेसबुक ग्रुप्स का इस्तेमाल किया।
कई मामलों में पाया गया कि चरमपंथी संगठनों ने कहा कि उन्होंने सूचनाओं के लिए इज़रायल के अधिकारियों की सूचनाओं पर भरोसा किया।
इज़रायल के रिसर्च संगठनों, फ़ेक रिपोर्टर और हाब्लाॅक ने इन समूहों के कुछ संदेशों को पहुंचने से पहले हासिल किया और पाया कि स्थानीय पुलिस ने टाइम बम जैसी योजना बनाई थी।
ये भी पढ़ेंः भारत के मज़दूर वर्ग को किसका साथ देना चाहिए, इज़रायल का या फ़लस्तीन का?
दंगाईयों के साथ पुलिस की मिलीभगत
फ़ेक रिपोर्टर ने कहा, ‘यह दर्दनाक है कि तमाम कोशिशों के बावजूद असल में बहुत कम किया जा सका है।’ वहीं हाब्लाॅक ने कहा, ‘जिम्मेदार लोगों में से कोई यह दावा नहीं कर सकता कि उसे कुछ पता नहीं था।’
फ़ेक रिपोर्टर ने ट्विटर पर इस समूह की बातचीत के कुछ स्क्रीन शॉट पोस्ट किए, जिनमें चरमपंथी हथियारों के इस्तेमाल के बारे में बात कर रहे थे। साथ ही यह भी कि वे फ़लस्तीनियों पर हमले और मस्जिदों को जलाने के लिए कहां मिल सकते हैं।
उनकी बातचीत फ़लस्तीनियों के ख़िलाफ़ ज़हरीली और नस्लवाद से भरी थी। इसी बातचीत में एक चरमपंथी कहता है, ‘आज हम यहूदी नहीं हैं, हम आज के नाज़ी हैं।’
फ़लस्तीनियों के अधिकारों की वकालत करने वाले एक समूह अदालाह ने एक अन्य चरमपंथी समूह के बीच हुई बातचीत हासिल करने में कामयाबी पाई।
यह बातचीत 13 मई की रात की है, जिस रात कई जगह भीषण दंगे हुए थे। इसमें यहूदियों के एक समूह से बातचीत में एक इज़रायल वाइस मैसेज में कह रहा है, ‘पुलिस हमारा कुछ नहीं करेगी, वह आंख बंद रखेगी और हमारा सहयोग करेगी।’
That’s what’s happening in #SheikhJarrah right now they attacked a woman and her children in her car #SaveSheikhJarrah pic.twitter.com/mmjyOtvB1f
— Free Palestine (@sugasarmy4) May 15, 2021
एक दूसरा आदमी कहता है, ‘आज कोई कानून लागू नहीं होगा। हम सब कुछ जला देंगे।’ इसके बाद एक और आवाज सुनाई देती है, ‘बंदूकों के साथ चलो, रब को सब पता है। ’
गौरतलब है कि हमास और इज़रायल के बीच 11 दिन चले संघर्स के बाद शुक्रवार सुबह से सीज़ फ़ायर लागू हो गया है। लेकिन शनिवार को भी कुछ धमाके सुनाई दिए और अल अक्सा मस्जिद में इज़रायली सैनिकों और फ़लस्तीनी नागरिकों के बीच झड़प हो गई।
ताज़ा संघर्ष में इज़रायल में 12 लोग और फ़लस्तीन में 432 लोगों की मौत हो गई। इस घटना की शुरुआत इज़रायली सैनिकों द्वारा अल अक्सा मस्जिद के पास रह रहे फ़लस्तीनी परिवारों को ज़बरदस्ती उनके घर से निकाने के कारण शुरू हुई और धीरे धीरे इसने पूरे इलाके को अपने आगोश में ले लिया।
अब इज़रायल में अल्पसंख्यकों पर संगठित हमले हो रहे हैं। उनके घर जलाए जा रहे हैं, उनकी दुकानों पर हमले कर उन्हें लूटा जा रहा है।
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।)