व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों का आज भारत बंद, 8 करोड़ व्यापारी होंगे शामिल, ट्रांसपोर्टरों का चक्का जाम
देश भर में जारी किसान आंदोलन के बीच द कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और ऑल इंडिया ट्रांसपोटर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने 26 फरवरी को भारत बंद का आह्वान किया है।
बताया जा रहा है कि देशभर के 8 करोड़ व्यापारी पूरे देश में भारत बंद में शामिल होंगे। जीएसटी में लगातार हो रहे बदलाव को लेकर व्यापारियों में काफ़ी गुस्सा है और वे इसे सरल बनाने की मांग कर रहे हैं।
कुछ जगहों पर भारत बंद आह्वान को वापस लिए जाने की ख़बरों के बीच ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर संगठन ने भी दिन भर चक्का जाम करने का फैसला किया है। ट्रांसपोर्टर इस बात से नाराज हैं कि ई-वे बिल की लिमिट 100 किलोमीटर प्रतिदिन से 200 किलोमीटर कर दिया गया है।
ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि ‘डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा कर की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित कई बातों और वाहनों को कबाड़ करने की मौजूदा नीति आदि पर काफ़ी आक्रोश है।’
गौरतलब है कि पेट्रोल और डीज़ल की लगातार कीमतें बढ़ रही हैं और देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर की सर्वोच्च ऊंचाईपर पहुंच रहा है।
पेट्रोलियम पदार्थों और घरेलू रसोई गैस की क़ीमतों में आ रहे उछाल के बीच केंद्र सरकार की ओर से वसूले जा रहे अनाप शनाप एक्साइज़ ड्यूटी और राज्य सरकारों के वैट पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ट्रेड यूनियनों ने भी इस ऐतराज जताया है। पिछले संसद सत्र में भी पेट्रोल की क़ीमतों पर हंगामा हो चुका है और मोदी सरकार की ओर से इसके लिए भी पिछली सरकारों को दोषी ठहराने की कोशिश की गई।
सोशल मीडिया पर इसे लेकर सरकार की काफ़ी लानत मलानत की जा रही है और कहा जा रहा है कि पाकिस्तान, श्रीलंका और भूटान में भारत से क़रीब आधे दर पर पेट्रोल मिल रहा है।
जबकि मोदी सरकार ने कहा है कि देश के विकास के लिए ये ज़रूरी है। हालांकि हाल ही में प्रधान मंत्री ने देश की सार्वजनिक कंपनियों को बेचने की बात करते हुए कहा है कि सरकार का काम बिज़नेस करना नहीं है लेकिन पेट्रोल के मामले में सरकार की ओर से वसूले जा रहे दुगने टैक्स पर चुप्पी लगा गए।
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