लॉकडाउन प्रभावित मज़दूरों की मदद कर रहा यूएई का भारतीय समूह
भारत में कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित मज़दूरों की मदद के लिए विदेश में रह रहे भारतीय समुदाय आगे आ रहे हैं।
दुबई में बिजनेस करने वालों के एक समूह ने दिहाड़ी मजदूरों के भोजन का इंतज़ाम करने की कोशिश की है। खलीज टाइम्स के मुताबिक, गलफ महारास्ट्र बिजनेस फोरम यानी जीएमबीएफ पश्चिमी भारत में काम करने वाले एनजीओ के साथ मिलकर महाराष्ट्र के कुछ जिलों में ऐसे मजदूरों के खाने का इंतजाम कर रहा है।
जीएमबीएफ़ के कार्यकारी सदस्य और बिजनेसमैन प्रसाद दतार के मुताबिक, ‘लाॅकडाउन के चलते भारत में तमाम दिहाड़ी मजूदरों को खाने की दिक्कत हो रही है। हम खासकर ऐसे मजूदरों की मदद कर रहे हैं, जो गलियों में खाने का सामान बेचते थे या छोटे होटलों में काम करते थे।’
वह बताते हैं, ‘हम छोटे किचन और घर- आधारित खाने का बिजनेस कर उनके पास खाना पहुंचा रहे हैं। हम उन्हें, उनके ही क्षेत्रों में छोटी-मोटी नौकरी दिलाने का प्रयास भी कर रहे हैं। ’
जीएमबीएफ के खाड़ी देशों में 300 से ज्यादा सदस्य हैं और इनमें से ज्यादातर यूएई में है।
फोरम, महाराष्ट्र के पुणे सिटी और चिपलून में अब तक 20,000 से अधिक भोजन के पैकेट बांट चुका है। उसके एक अन्य सदस्य राहुल तुलपुले बताते हैं कि फोरम का प्लान अब सोलापुर में भी खाना बंटवाने का है।
पुणे में फोरम डाॅ. मनीसा और अभिजीत सोनवाने के एनजीओ अन्नपूर्णा के सहयोग से यह काम करा रहा है।
चिपलून में वह ‘हेल्पिंग हैंड्स’ एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रहा है और सोलापुर में लिए उसने ‘दयान प्रबोधिनी’ नाम के एनजीओ के साथ करार किया है।
तुलपुले के मुताबिक, ‘हमारी योजना कोविड से प्रभावित लोगों की मदद के लिए फंड और मेडिकल सहायता की थी लेकिन फिर हमें पता चला कि लोग इससे पैसा कमा रहे हैं, खासकर ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसेंट्रेटर बेचकर। खाने के साथ यह है कि’ वह जरूरतमंद को मिल जाता है।
फोरम की योजना दो महीने तक इस प्रयास को जारी रखने की है। उसका कहना है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, हम लोगों की मदद जारी रखेंगे।
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