गुस्साए महिला ड्राईवरों ने उबर के गुड़गांव कार्यालय पर ताला जड़ा
By नरेश कुमार
उबर प्लेटफार्म के तहत काम करने वाली महिला ड्राईवरों ने बीते मंगलवार, 9 नवंबर को गुड़गांव में ऊबर कार्यालय पर जबरदस्त प्रदर्शन किया और मैनेजमेंट की ओर से सुनवाई न होने पर कार्यालय पर ताला जड़ दिया।
महिला ड्राइवरों का कहना था कि यदि नवंबर माह के अंत तक समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो और भी बड़े पैमाने पर इस आंदोलन को खड़ा करेंगे। उन्होंने मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार का घेराव करने की भी चेतावनी दी।
इन महिला ड्राइवरों की मांग है कि ‘पहले की तरह इंसेंटिव पैकेज को चालू किया जाए और प्रोत्साहन राशि को पहले की तरह बहाल किया जाए। पहले की तरह होम डेस्टिनेशन के 10 ऑप्शन दिए जाएं, क्योंकि पेट्रोल डीजल सीएनजी गैस के दाम दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ते जा रहे हैं तो किराया भी डबल किया जाए या कम से कम सरकार द्वारा निर्धारित किराया तो मिले ही।’
असल में लॉकडाउन के बाद से ही उबर ने महिला ड्राईवरों को मिलने वाली विशेष रियायतों और भत्तों को ख़त्म कर दिया है, जबकि इस दौरान ड्राईवरों की आमदनी में बेतहाशा कमी आई है।
उबर लो डिमांड जैसे नए-नए फीचर चालू कर रही है जिससे ड्राइवरों का खासा नुकसान हो रहा है और इसे बंद करने की मांग तेज हो गई है। इनकी एक मांग ये भी है कि गो डेस्टिनेशन लगाने पर सीधे डेस्टिनेशन के तरफ की ही ड्यूटी दी जाए।
टारगेट सिस्टम की वजह से महिला ड्राइवरों को टारगेट पूरा करने के लिए देर रात तक और पूरी पूरी रात भी काम करना पड़ता है इसलिए टारगेट सिस्टम को खत्म किया जाए।
इनकी मांग ये भी है कि ड्राइवर सपोर्ट सिस्टम को मजबूत किया जाए और किसी मुसीबत के समय ड्राइवरों की बात सुनी जाए उनकी मदद की जाए जोकि उबर ने करना बंद कर दिया है।
ड्राईवरों का आरोप है कि उबर मैनेजमेंट के ही लोग बाहर के दलालों से सेटिंग कर रखी है जो कि ड्राइवरों की आईडी हैक करके उसे बंद कर देते हैं और फिर उनसे पैसे लेकर उनकी आईडी चालू करते हैं, इस पर उबर कार्रवाई करें। टा
दोपहर 12:00 बजे कार्यालय पर पहुंचे इन ड्राइवरों से पहले तो ऊपर मैनेजमेंट बात भी करने को तैयार नहीं था ।एक डेढ़ घंटे तक इन ड्राइवरों ने अपनी सभा की और जबरदस्त नारेबाजी की पुलिस बीच-बचाव में आई लेकिन वह मोटे तौर पर ऊबर के पक्ष में ही बातें कर रही थी।
अब गुस्से में आकर एक महिला ड्राइवरों ने घोषणा कर दी कि जब तक ऊपर मैनेजमेंट यहां नीचे आकर हमसे बातचीत नहीं करेगा तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे काफी देर तक ऊबर मैनेजमेंट इन महिला ड्राइवर से बात करने नहीं आया तो इन महिला ड्राइवरो ने उबर कार्यालय के गेट पर बाहर से अपना ताला लगा दिया।
एक सीमा तक पुलिस ने इन ड्राइवरों को धमकाने की भी कोशिश की जब ड्राइवर नहीं डरे तो अंततः इलाके के एसएचओ को बीच में आना पड़ा और ऊपर से ऊपर मैनेजमेंट को ड्राइवरों के बीच लाकर बातचीत करवानी पड़ी।
महिला ड्राइवरों ने अपनी हिम्मत और जोशो खरोश से ऊपर मैनेजमेंट को अपनी शर्तों पर झुकाया और अपनी बातें कहीं ज्ञापन दिया और 1 महीने की चेतावनी भी दे दी कि अगर नवंबर माह में हमारी मांगे नहीं सुलझाई गई तो आंदोलन और व्यापक होगा।
इस प्रदर्शन में इन महिला ड्राइवरों का सहयोग पुरुष ड्राइवरों ने भी किया। बेशक इस प्रदर्शन में कुछ लोग शामिल थे इसकी व्यापकता छोटी थी लेकिन इस प्रदर्शन में भविष्य के बीज दीख रहे हैं हैं कि नए जमाने में जो गिग वर्कर्स हैं उनके बीच बहुत आक्रोश नीचे नीचे सुलग रहा है और यह आक्रोश कब बहुत व्यापक पैमाने पर फुटेगा कुछ कहा नहीं जा सकता।
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