कोरोना से बढ़ा नौकरियों का संकट, बेरोजगारी दर जुलाई-सितंबर 2020 में बढ़कर हुई 13.3 प्रतिशत: एनएसओ सर्वे
देश में बेरोजगारी दर पिछले साल जुलाई-सितंबर में बढ़कर 13.3 प्रतिशत हो गयी जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.4 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नियमित अंतराल पर होने वाला श्रम बजार सर्वे में यह कहा गया है।
बेरोजगारी दर से आशय कार्यबल में वैसे लोगों के प्रतिशत से है, जिन्हें कोई रोजगार नहीं मिला है। नियमिति अंतराल पर होने वाले आठवें श्रम बल सर्वे के अनुसार बेरोजगारी दर अप्रैल-जून 2020 में 20.9 प्रतिशत थी।
सर्वे के अनुसार पिछले साल जुलाई- सितंबर तिमाही में सभी उम्र के लिए श्रम बल की भागीदारी दर 37 प्रतिशत थी। यह उससे एक साल पहले इसी अवधि में 36.8 प्रतिशत थी। जबकि अप्रैल-जून 2020 में यह 35.9 फीसदी थी
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अप्रैल 2017 में निश्चित अवधि पर किये जाने वाले श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) शुरू किया था। पीएलएफएस के आधार पर, श्रम बल का अनुमान देते हुए एक त्रैमासिक बुलेटिन जारी किया जाता है।
इसमें श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), बेरोजगारी दर, वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के तहत रोजगार और कार्य- उद्योग की व्यापक स्थिति के आधार पर श्रमिकों का वितरण आदि के बारे में जानकारी दी जाती है।
(साभार-एनबीटी)
(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। मोबाइल पर सीधे और आसानी से पढ़ने के लिए ऐप डाउनलोड करें।)