यूपी में 14 हेल्थ सेंटरों के प्रभारियों ने अधिकारियों पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, नौकरी छोड़ने की पेशकश
यूपी के उन्नाव जिले में 14 हेल्थ सेंटरों के प्रभारियों ने जिला प्रशासन पर प्रताड़ना और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है और अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश की है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस मामले के एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने फतेहपुर चौरासी और असोहा प्राइमरी हेल्थ सेंटरों के प्रभारियों को नौकरी से निकाल दिया था। जिला प्रशासन ने आरोपों से इंकार किया है। उसका कहना है कि दोनों प्रभारियों को नीतियों के तहत ही हटाया गया है।
मामले को सुलझाने के लिए जिले के जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने गुरूवार को सभी 14 हेल्थ सेंटरों के प्रभारियों की बैठक बुलाई है। इन 14 हेल्थ सेंटर के प्रभारियों में 4 सामुदायिक हेल्थ सेंटर के जबकि दस प्राइमरी हेल्थ सेंटर के प्रभारी हैं।
प्रांतीय मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के जिला महासचिव डॉ संजीव कुमार ने कहा, ‘हम पिछले साल से दिन-रात काम कर रहे हैं। इसके बावजूद अधिकारी हमारा उत्पीड़न करते हैं और हमें जेल भेजने की धमकियां देते हैं।’ उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने हमें यह कहकर गालियां दी कि हम अपना काम ठीक से नहीं करते हैं। यही वजह है कि हमें यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
डॉ संजीव कुमार जिले के गंज मुरादाबाद हेल्थ सेंटर के प्रभारी होने के साथ ही आरोप लगाने वाले 14 प्रभारियों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन दो केंद्रों के प्रभारियों को हटाया गया है, उन्हें अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दिया गया। उनके मुताबिक, हटाए गए दोनों केंद्रों के प्रभारी जिम्मेदारी से अपनी डयूटी निभा रहे थे। इनमें से फतेहपुर चौरासी सेंटर के प्रभारी डॉ प्रेमचंद फिलहाल कोरोना पॉजिटिव भी हैं।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को इस स्थिति में उन्हें अपनी बात रखने का मौका तो देना ही चाहिए था। हम इस मामले को जिलाधिकारी के सामने रखेंगे। वहीं जिले के सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार ने कहा कि उन्हें पता नहीं है कि हेल्थ सेंटरों के प्रभारी, जिला प्रशासन से नाराज चल रहे थे। उनके मुताबिक, ‘उन्हें इस तरह का फैसला लेने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। मैंने इस बारे में डीएम से बात की है, मुझे उम्मीद है कि हम इस मामले को सुलझा लेंगे।’
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