उत्तराखंड में भारी तबाही, दर्जनों की मौत, कीवी और खुमानी के बागों को भारी नुकसान, नहीं पहुंचे हाकिम

उत्तराखंड में भारी तबाही, दर्जनों की मौत, कीवी और खुमानी के बागों को भारी नुकसान, नहीं पहुंचे हाकिम

उत्तराखंड के नैनीताल ज़िल के रामगढ़ विकासखंड और धारी विकासखंड में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश और फ्लैश फ्लड (बादल फटने) से जान माल का काफ़ी नुकसान हुआ है, वहीं अधिकांश बड़े मार्ग और संकरे रास्ते तक बंद होने से नैनीताल, मुक्तेश्वर, रामगढ़ के इलाके कट गए हैं।

क़रीब 50 से अधिक लोगों की मौत, फलों के सैकड़ों बागों के बह जाने, गांवों में भारी नुकसान के बावजूद अभी तक उत्तराखंड प्रशासन वहां झांकने तक नहीं गया है।

दिल्ली वासियों का दूसरा ठिकाना बने मुक्तेश्वर रामगढ़ क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। कसियालेक, सूपी लोद,गल्ला, पाटा मोटर मार्ग पूर्ण तरीके से बंद है।

मैदानी इलाक़ों से आकर यहां घर बना कर रहने वाले लोगों को बाहर निकाला गया है और स्थानीय जन धन हानि का आंकलन किया जा रहा है। अभी तक मिली सूचना के तहत 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

कुमाउं के इस इलाके में फल और सब्जियों पर लोगों की आजीविका निर्भर है। यहां नाशपाती, कीवी आदि के बड़े बड़े बाग हैं और ये इलाक़ा फलों की वजह अपेक्षाकृत संपन्न माना जाता है। लेकिन इस बार की विनाशकारी बारिश में बागों को नुकसान पहुंचा है।

यहां पर अधिकतर लोगों की अजीविका का एकमात्र साधन खेती किसानी और बागवानी है। आपदा के कारण लोगों के खेत बगीचे और पूरी फसल बह गई।

पहाड़ों में अक्टूबर के महीने में साल भर के लिए अनाज और दाल और घास आदि इकट्ठा किया जाता है लेकिन इस आपदा के कारण ये काम नहीं हो पाया और इसका असर आने वाले कई महीनों तक रहेगा।

लोगों का जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बूढ़ी वना में दो गाड़ियां बह गईं। सूफी गांव में बादल फटने से कई घरों को नुकसान हुआ है। लोद गांव में एक गाड़ी बहकर खाई में गिर गई। गांव के बाहर स्थित गोपाल लोधियाल का घर क्षतिग्रस्त हो गया है।

उनका कीवी का 50 पेड़ों को बगीचा और खुमानी प्लम का बगीचा पूरी तरह बह गया। वहीं गांव के ऊपरी हिस्से में स्थित तारा सिंह मदन सिंह के घर का आंगन पूरा टूट कर सरक गया।

पान सिंह के घर का आंगन टूट गया है। लोद के अल्मोड़ी टोक में प्रकाश चंद की दुकान को खतरा बना हुआ है। गल्ला में कुन्दन सिंह के घर को ख़तरा बना हुआ है।

गोपाल लोधियाल बताते हैं कि लोगों को उम्मीद थी कि जैसे बारिश रुकेगी सरकार और प्रशासन की ओर से लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया जाएगा। लेकिन शासन प्रशासन की तरफ से कोई भी एक व्यक्ति लोगों की सुध लेने नहीं पहुंचा।

निराशा में वो कहते हैं कि शासन-प्रशासन यह समझ रहा है कि जब लोग मर ही जाएं तब कुछ मुआवजे की घोषणा कर देंगे।

रामगढ़ के झुतिया गांव में 9 लोगों की मौत हो गई है। इस तरह से दर्जनों लोगों की जान गई है। नैनीताल और ऊपर कुमाऊं क्षेत्र के सारे रास्ते और पैदल रास्ते बंद हैं।

अभी तक सरकार की तरफ से कोई आदेश राहत की घोषणा नहीं हुई। ना ही कोई अधिकारी मौके पर आया। कई लोगों की घर की आंगन की दीवारें चली गईं। कई के खेत बह गए, मकान टूट गए, कई लोग घर से बेघर हो गए हैं।

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Workers Unity Team

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