9000 करोड़ हजम कर भागे माल्या पर कोर्ट के 2000 रुपए जुर्माने से क्यूँ खफा हैं सोशल मीडिया यूजर्स?
भारत के अलग अलग बैंकों से 9000 करोड़ रुपए का कर्ज हजम कर बेल मिलने के बाद इंग्लैंड में आराम की ज़िंदगी बिता रहे भगोड़े बिजनसमैन विजय माल्या को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के अपराध के लिए 2000 रुपए का जुर्माना और 4 महीने तक की जेल की सजा सुनाई है।
किंगफिशर एयरलाइन्स के पूर्व मालिक माल्या ने न्यायालय की अव्हेलना कर अपने बच्चों को डिएगो डील के 40 मिलियन डॉलर या 317 करोड़ रुपए से भी ज्यादा रकम भेजी थी और पिछले पाँच साल से कोर्ट के सामने हाजिर नहीं हुआ था। साथ ही कोर्ट को इन पैसों के बारे में गलत जानकारी दी थी।
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कोर्ट ने उसे इस रकम को भी चार हफ्तों के अंदर वापस करने का आदेश दिया गया है। अगर वह 2000 रुपए जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे दो महीने कि अतिरिक्त सजा होगी।
दरअसल उसे 2017 में ही कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दे दिया गया था। इस साल 10 फरवरी को सुनवाई टालते हुए कोर्ट ने माल्या को अपना पक्ष रखने के लिए आखरी मौका दिया था।
इन सब के बीच सोशल मीडिया पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। यूजर्स ने कहा कि 9000 करोड़ रुपए गबन कर भागे व्यक्ति पर 2000 रुपए का जुर्माना लगाना हास्यास्पद है।
Only ₹2000 fine on the person who ran away after fraud ₹9000 crores..
😅😂 Gjb bejati mallya ki …..
.#VijayMallya #SupremeCourt pic.twitter.com/bRahAn68O6— Himanshu Rathr👀 (@Self_himansyu) July 11, 2022
लोगों ने कहा कि अगर कोई आम व्यक्ति अपने भरण पोषण के लिए कर्ज ले कर ट्रैक्टर या गाड़ी खरीदता है, उसके कर्ज नया चुका पाने पर गाड़ी जब्त कर ली जाती है, जिससे उसकी आमदनी वैसे ही बंद हो जाती है।
तो क्या सारे नियम,कायदे, कानून सिर्फ गरीबों के लिए हैं?
Common Man p Rs.15000 ka fine aur #VijayMallya ko Rs.2000 ka fine…
Hatts off to the #JudiciarySystem & #GovtOfIndia pic.twitter.com/z3SblSNIHJ
— ACRF Acharya Aryan Swarn (@scheevm) July 11, 2022
एक यूजर ने कहा कि ट्राफिक नियम के उल्लंघन पर कोर्ट की अवमानना करने के मुकाबले कहीं ज्यादा जुर्माना भरना पड़ता है।
Traffic violation are more than this fine.#VijayMallya pic.twitter.com/pprfK9cULK
— Amruth jagtap (@Amruth_jagtap) July 11, 2022
अब इस 4 महीने की सुनाई गई सजा से माल्या के जीवन पर कितना असर पड़ेगा?
सरकार कथित रूप से माल्या को इंग्लैंड से वापस लाने की कोशिश में है लेकिन इंग्लैंड सरकार कोई खास मदद नहीं कर रही है। माल्या से जुड़ी गुप्त प्रक्रिया में भारत सरकार को ना पक्ष बनाया गया है, और ना कोई जानकारी साझा की गई है।
भारतीय बैंकों ने 2016 में जैसे ही माल्या से कर्ज वसूलने के लिए Debt Recovery Tribunal (DRT) का दरवाजा खटखटाया, वह उसी दिन भाग खड़ा हुआ।
गौरतलब है कि बैंकों ने ठीक एक दिन पहले कोर्ट से अपील की थी कि माल्या को देश से बाहर ना निकालने दिया जाए और उसका पासपोर्ट जब्त किया जाए।
उस समय वह राज्य सभा का सदस्य था। अपने राजनैतिक करिअर में माल्या अलग अलग समय में जनता दल (सेकुलर), काँग्रेस और भाजपा से समर्थन प्राप्त कर दो बार राज्य सभा में चुना गया था।
माल्या ने बयान दिया था कि देश छोड़ कर जाने से पहले उसने समय के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी।
अब सवाल यह है कि अगर केन्द्रीय मंत्री को सारे मामले की जानकारी थी, उसके बावजूद अगर वह भागता है तो यह सरकार की अकर्मण्यता को दर्शाता है।
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