वोल्टास के श्रमिकों की शीघ्र कार्यबहाली हो वरना होगा बड़ा आंदोलन-श्रमिक मोर्चा,मारुति यूनियन का भी साथ मिला मज़दूरों को
उत्तराखंड के रुद्रपुर स्थित वोल्टास कंपनी से प्रबंधन द्वारा निकाले गये 9 श्रमिकों की कार्यबहाली की माँग लगातार जोर पकड़ती जा रही है।
इसी क्रम में 16 अप्रैल को श्रमिक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सिडकुल के मज़दूरों ने वोल्टास कंपनी गेट से रैली निकालते हुए श्रम भवन पहुंचकर सभा की। सभा के दौरान सिडकुल में मज़दूरों के ऊपर बढ़ते उत्पीड़न पर रोष प्रकट किया गया।
सभा के बाद मोर्चा के द्वारा उप श्रम आयुक्त के नाम एक ज्ञापन दिया गया। जिसमें प्रबन्धन पर अनुचित श्रम व्यवहार के लिए कार्यवाही करने और वोल्टास श्रमिकों की कार्यबहाली की माँग को पुरजोर तरीके से उठाने की मांग की गई।
सहायक श्रम आयुक्त ने कहा कि जल्द ही वार्ता बुलाई जाएगी और समस्त समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।
मारुति यूनियन समेत कई श्रमिक यूनियनों ने दिया समर्थन
मज़दूरों की मांगों को समर्थन देने के मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन मानेसर, गुड़गांव के प्रधान अजमेर सिंह व खुशी राम भी पहुँचे थे।
श्रम भवन में हो रहे सभा मे वक्ताओं ने बताया कि पूरे औद्योगिक क्षेत्र में प्रबन्धन की मनमानी और मज़दूरों का शोषण बेहद बढ़ गया है। प्रशासनिक कमेटी और श्रम अधिकारी मामलों को निपटाने की जगह उलझा रहे हैं। इससे मज़दूरों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि भगवती माइक्रोमैक्स में एक साल पहले दिए कोर्ट के आदेश के बावजूद 303 श्रमिकों की कार्यबहाली नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि वोल्टास के 9 श्रमिक डेढ़ साल से गैरकानूनी गेटबन्दी के शिकार हैं लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है। बजाज मोटर्स, करोलिया, इंटरार्क आदि में मज़दूर बाहर हैं। बीसीएच, महिंद्रा सहित तमाम कंपनियों में माँगपत्र लंबित हैं। लेकिन समाधान नहीं हो रहा है।
वक्ताओं ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पीएफ घोटाले पर कोर्ट के आदेश पर एफआईआर के बावजूद गुजरात अम्बुजा में प्रबन्धन की गिरफ्तारी नहीं हुई, जबकि फर्जी मुक़दमे में मज़दूरों को फंसा कर पुलिसिया उत्पीड़न आम बात हो गई है।
वक्ताओं के कहा कि ये हाल तब है, जब पुराने श्रम कानून हैं। मोदी सरकार के नए लेबर कोड लागू होने के बाद हालात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इसलिए मज़दूरों को एकजुट आंदोलन को तेज करना पड़ेगा।
(मेहनतकश की खबर से साभार)
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