वार्ता टूटने के बाद किसान आंदोलन की अगली रणनीति क्या होगी?

वार्ता टूटने के बाद किसान आंदोलन की अगली रणनीति क्या होगी?

26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड में भाग लेने के लिए 20 राज्यों के किसान लगभग 1 लाख ट्रैक्टरों के साथ आ रहे हैं।

सरकार के 18 महीने के लिए कानून को निलंबित करने के प्रस्ताव का जवाब देते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) ने इस आंदोलन में जान गंवाने वाले 143 किसानों के बलिदान का जिक्र किया और कहा, “उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। और हम इन कृषि कानूनों को रद्द किए बिना वापस नहीं जाएंगे। ”

राष्ट्रवादी काँग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वह मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन के लिए मुंबई में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।

किसानों के चल रहे आंदोलन और गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की उनकी योजना के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टी रद्द करने का फैसला किया है।

वही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी केंद्र सरकार से किसानों की मांग को स्वीकार करने का आग्रह किया।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार इस गलत धारणा में है कि केवल पंजाब और हरियाणा के किसान ही इस लड़ाई में हैं और इस बात पर जोर दिया कि देश भर के किसान दमनकारी कानूनों को खत्म करवाना चाहते हैं।

कर्नाटक के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस पर बेंगलुरु में ट्रैक्टर रैली की योजना बनाई है। रैली में लगभग 10,000 ट्रैक्टरों के भाग लेने की उम्मीद है।

आयोजकों का कहना है कि आरटीओ अधिकारी किसानों डरा धमका रहे हैं कि रैली में भाग लेने वाले  ट्रैक्टर सीज़ कर  दिये जायेगें।

गुजरात में ऐतिहासिक किसान आंदोलन के समर्थन में एक विशाल सभा के आयोजन से पहले किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

(वर्कर्स यूनिटी स्वतंत्र निष्पक्ष मीडिया के उसूलों को मानता है। आप इसके फ़ेसबुकट्विटर और यूट्यूब को फॉलो कर इसे और मजबूत बना सकते हैं। वर्कर्स यूनिटी के टेलीग्राम चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें।

Abhinav Kumar

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.