निर्माण क्षेत्र के मज़दूरों के लिए 2018 में गुजरात सबसे भयावह साबित हुआ है

निर्माण क्षेत्र के मज़दूरों के लिए 2018 में गुजरात सबसे भयावह साबित हुआ है

निर्माण क्षेत्र में लगे मज़दूरों के लिए 2018 में गुजरात सबसे भयावह साबित हुआ है।

राज्य में निर्माण साइटों पर 144 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें 137 मज़दूर मारे गए।

डीएनए की एक ख़बर के अनुसार, राज्य में पिछले एक दशक में सबसे अधिक 193 निर्माण मज़दूरों की मौत 2010 में हुई।

2012 में राज्य में 120 निर्माण मज़दूर मारे गए थे।

बांधकम मजूर संगठन ने ये जानकारी आरटीआई के मार्फ़त हासिल की है।

आरटीआई में राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों से कंस्ट्रक्शन साइटों पर होने वाली दुर्घटनाओं, उनमें होने वाली मौतों के बारे में जानकारी मांगी थी।

न एफ़आईआर न कोई जांच

ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले एक दशक में राज्य में 1405 दुर्घटनाएं दर्ज़ की गईं जिनमें 990 मौतें हुईं और 415 घायल होने के मामले सामने आए।

संगठन ने एक प्रेस ब्रीफ़िंग में कहा है, “सबसे अधिक मौतें अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में हुईं जिनमें अधिकांश नौजवान मज़ूदर थे।

दुर्घटनाओं में ज़्यादातर ऊंचाई से गिरना, इमारत का ढह जाना, बिजली का शॉक लगना और मज़दूरों पर ऊपर से सामान गिरना मुख्य कारण रहा।”

इस संगठन से जुड़े विपुल पांड्या ने बताया कि मौत के ज़्यादातर मामलों में पुलिस ने न तो एफ़आईआर दर्ज किया और ना ही सुरक्षा उपायों में संभावित कोताही की जांच ही की।

पांड्या का कहना है कि अधिकांश पीड़ित आदिवासी इलाके से आते हैं।

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Abhinav Kumar