क्यों पुरुषों से ज्यादा महिला कामगारों के लिए मुश्किल भरा रहा लॉकडाउन?

क्यों पुरुषों से ज्यादा महिला कामगारों के लिए मुश्किल भरा रहा लॉकडाउन?

मुंबई से प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी के दौरान  अधिकांश महिलाओं के लिए अपने पेशेवर काम और घर की जिम्मेदारियों को एक ही समय पर संभालना अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण रहा।

नौकरी पोर्टल SCIKEY मार्केट नेटवर्क के एक सर्वे के मुताबिक लगभग 61 फीसदी महिलाओं इस बात के लिए हामी भरी की महामारी के दौरान एक ही समय पर घर के काम के साथ-साथ अपने पेशेवर काम को संभालना उनके लिये पुरुषों के तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण था।

सर्वे के अनुसार 81 फीसदी महिलाओं ने बताया कि महामारी के दौरान अपने पेशेवर काम और अपने घरेलु काम के बीच घर पर रहते हुए एक लाइन खिंच पाना बेहद मुश्किल रहा। 85% महिलाओं ने माना की वर्क फ्रॉम होम में उनके लिए काम कर पाना खासा मुश्किल रहा।

यह रिपोर्ट आईटी और आईटी सेवा, वित्त, स्वास्थ्य, मीडिया, मनोरंजन, मानव संसाधन और शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) सहित नौ क्षेत्रों में भारत भर में 2500 महिला पेशेवरों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है ।

इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि महामारी के दौरान, 24% महिलाओं ने कहा कि  वे लॉकडाउन के बीच खुद के लिए समय निकाल पाने में सक्षम थे, 21% ने कहा कि वे घर से काम करना चाहते है अगर संभव रहा तो जबकि 48%  महिलाओं का कहना था कि कार्यस्थल का चुनाव एक विकल्प होना चाहिए।

61% महिलाओं ने जवाब दिया कि वे घर की जरुरतों और महामारी के दौरान परिवार की मांगों को पूरा करने के बीच संघर्ष करती रही ।

महिलाओं से जब ये पूछा गया कि इस दौरान उनके संगठनों का कितना सहयोग उनको मिला?

तब 36% महिलाओं ने जवाब दिया कि उनके संगठन का बहुत सहयोग उनको मिला जबकि 27% ने कहा कि उन्हें अपनी कंपनियों से किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला।

रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 65% महिलाओं का मानना है कि घरों पर उनके रोल को देखते हुए संगठन को उनके काम के घंटों में कमी करनी चाहिए।

(टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर से साभार)

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Abhinav Kumar

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