मैनेजमेंट पर अनैतिक संबंध का दबाव बनाने का आरोप, बावल में सैकड़ों महिलाओं ने कंपनी को घेरा
रेवाड़ी के बावल ओद्योगिक क्षेत्र की एक ऑटोमोबाइल कम्पनी केहिन फ़ाई में महिला मज़दूर दो दिन से गेट के बाहर धरने पर बैठी हुई हैं।
कीहिन फ़ी प्राईवेट लिमिटेड कंपनी में क़रीब 200 महिलाओं को मैनेजमेंट ने बाहर निकाल दिया है। सोमवार से महिलाएं कंपनी के बाहर डटी हुई हैं।
महिलाओं का आरोप है कि कंपनी के मैनेजमेंट रात की पाली में उनका यौन शोषण करने की कोशिश करते थे। जब कंपनी ने एक कंडक्ट फार्म पर सभी को हस्ताक्षर करने को कहा तो महिला मज़दूरों ने इनकार कर दिया।
इसके बाद मैंनेजमेंट ने इन महिलाओं की गेटबंदी कर दी। गेट पर कंटीले तार लगा दिए गए हैं और किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं है।
कई महिला मज़दूर यहां 15 15 साल से काम कर रही थीं। उनका कहना है कि कंपनी में टॉयलेट जाने के लिए भी टाइम फ़िक्स होता है और चार चार घंटे तक कोई ब्रेक नहीं दिया जाता।
महिला वर्कर उस वक्त धरने पर बैठ गईं जब 15 तारीख की सुबह कंपनी के द्बारा श्रमिकों के इंट्री पर रोक लगा दी। महिला श्रमिकों को रोकने के लिए कंपनी के इंट्री गेट को कंटीले तारों से घेर दिया गया हैं। ,
कंपनी और श्रमिकों के बीच पिछले कुछ समय से वेतन बढ़ोतरी को लेकर लेबर कोर्ट में केस चल रहा है।
महिलाओं का आरोप है कि कम्पनी मैनेजमेंट के कई लोग उन्हें कम्पनी विजिटर के साथ अनैतिक सम्बन्ध बनाने तक का दवाब हैं। इसका विरोधी करने पर महिला मज़दूरों की ताकत तोड़ने के लिए कम्पनी प्रबंधन ने कुछ कागज़ों पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश भी की।
लेकिन इसका विरोध करने वाली नौ महिला मज़दूरों का निलंबन करके गेट बंद कर दिया। निलम्बित महिलाओं का साथ देने के कारण अन्य महिला मज़दूरों के लिये भी गेट बंद कर दिया गया।
इससे पहले भी नौ महिला मज़दूरों को कथित तौर पर कम्पनी मैनेजमेंट द्वारा अनैतिक दवाब का विरोध करने के चलते काम से निकाल दिया गया था।
कम्पनी गेट पर धरने पर बैठी महिलाओं को टॉयलेट तक की समस्याएं आ रही हैं जिसमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।
बावल ओद्योगिक क्षेत्र की केहिन फ़ाई कंपनी में महिला श्रमिक वर्षों से काम कर रही हैं और महिला श्रमिकों का 3 साल के लिए कम्पनी से कांट्रेक्ट होता है, इस वर्ष कम्पनी ने कांट्रेक्ट नहीं किया तो महिला कर्मचारियों ने लेबल अधिकारी से गुहार लगाईं और मामला गुरुग्राम लेबर कोर्ट में चला गया।
महिलाओं ने पुलिस थाना कोसला में लिखित शिकायत भी की है “जिसमें उन्होंने बताया कि कम्पनी मैनेजमेंट के प्रदीप, राजेश श्रीवास्तव तथा मदीन उन्हें कम्पनी के विजीटर के साथ हम बिस्तर होने के लिए दबाव बनाते हैं, खुश करने की बात करते हैं। उन्हें बेवजह ड्यूटी टाइम के बाद मीटिंग के बहाने कम्पनी में रोकना, बार-बार छुना आदि अश्लील हरकतें कम्पनी में उनके साथ बढ़ती ही जा रहीं हैं।”
महिला मज़दूरों ने बताया कि “वे पिछले पन्द्रह सालों से इस कम्पनी में काम कर रही है और उन्हें अपने साथ हो रहे अन्याय, शोषण और उत्पीड़न के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद करने के लिए आज मज़बूर होना पड़ा है। कम्पनी सेटलमेंट भी नहीं कर रही है जिसके चलते बड़ी हुई सैलरी को एक साल से लागू भी नहीं कर रही है।”
वहीं महिला वर्करों के शिकायत पर पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही हैं और कानून के मुताबिक काम किया जायेगा।
दूसरी तरफ कंपनी ने पूरे मामले में अभी तक अपना पक्ष नहीं रखा है।
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बीजेपी की मोदी सरकार और कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार की आर्थिक नीतियां एक जैसी है दोनों सार्वजनिक उपकरणों को बेच कर पूंजीपतियों को सौंप रहे हैं और उनको और अमीर बना रहे हैं जिससे बीजेपी को इनसे चंदा मिलता रहे और इसके नेता प्राइवेट प्लेन में ऐश कर सकें ।अगर सरकार खुद के कुप्रबंधन से सरकारी उपक्रम को हानि वाले उपक्रम में बदल कर उसे बेच देती है तो ऐसी सरकार को सत्ता से हटाया जाय।