हरियाणा में ईएसआई अस्पतालों की ओपीडी खोलने की मांग तेज
कोरोना महामारी के दौर में आम जनता बुरी तरह त्रस्त है। देश भर में संक्रमण से अधिक जान सरकारी लापरवाही लीन रही है। हरियाणा का भी यही हाल है।
यहां मजदूरों ने ईएसआई अस्पतालों की ओपीडी खोलने की मांग तेज कर दी है ताकि स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी परेशानियों का समय पर इलाज कराया जा सके।
हरियाणा सरकार ने अप्रैल माह में एक आदेश जारी कर हरियाणा राज्य के अनेक ई.एस.आई अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों को कोविड अस्पताल बना कर इन अस्पतालों क ओ.पी.डी सेवा बंद कर दी है।
इस अस्पतालों में प्रतिदिन इलाज करने वाले मरीजों को राज्य के ई.एस.आई. डिस्पेन्सरियों के सहारे छोड़ दिया गया था। यहां पहले से ही डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ तथा अन्य तकनीकी सुविधाओं के अभाव के कारण यहां मरीजों की लंबी लंबी लाइन लगती है।
लेकिन 13 मई को एक सर्कुलर जारी कर डिस्पेन्सरियों के डॉक्टरों, नर्सों व फार्मासिस्ट स्टॉफों को पानीपत और हिसार के अस्थायी कोविड अस्पताल में भेज दिया गया है।
सरकार के इस फैसले से नाराज होकर लोगों और मजदूर वर्ग ने डिस्पेन्सरियों पर जा कर विरोध दर्ज कराया है।
इस बाबत सिविल सर्जन, ई.एस.आई. हेल्थ केयर फरीदाबाद के द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को एक ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन के जरिए सरकार से डिस्पेन्सरियों को बंद न करने की मांग की गई। लेकिन सरकार ने अभी तक इन मांगों को संज्ञान में नहीं लिया है।
गौरतलब है कि फरीदाबाद में साढ़े पांच लाख परिवार ई.एस.आई. में कवर्ड हैं। जिनका वेतन आने से पहले ही ई.एस.आई. का अंशदान काट लिया जाता है। ताकि उनके परिवारों का इलाज हो सके।
फरीदाबाद में कुल 12 डिस्पेन्सरियां हैं, जिनमें 9 डिस्पेन्सरियां बंद हो गईं हैं। यहां सामान्य दिनों में 200-250 तक मरीज ओपीडी पहुंचते हैं।
सरकार पहले ही 3 नंबर ई.एस.आई.सी. अस्पताल की ओपीडी बंद कर चुकी है जहां प्रतिदिन चार हजार मरीज आते थे।
इन्हीं डिस्पेन्सरियों से लोग कैंसर, डायबिटीज, दौरे, हार्ट जैसी बीमारियों की दवाईंया लेते थे। जिसे खोलने को लेकर अब मांग तेज हो गई है।
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