मज़दूरों की जान सस्ती: रायपुर इस्पात फैक्ट्री में गर्म लोहे का टैंक गिरने से 12 मज़दूर झुलसे
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित एक इस्पात फैक्ट्री में बुधवार को क्रेन का पट्टा टूटने से गर्म लोहे का टैंक नीचे गिरेने के कारण 12 मज़दूर बुरी तरह झुलस गए हैं। इनमें से 3 मज़दूरों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।
स्थानीय अख़बार के मुताबिक, भीषण हादसा भारतीय इस्पात नाम के स्टील प्लांट में हुआ है। जिसमें 12 मज़दूर घायल हैं वहीं 3 मज़दूर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
घायल मज़दूरों को पास के ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अख़बार के अनुसार खमतराई थाना क्षेत्र के रावभाटा इलाके में भारतीय इस्पात कंपनी में, ये हादसा हुआ है। इसमें लोहे का एंगल, सरिया सहित अन्य सामान बनता है। खबर के अनुसार काम चल रहा था, इसी दौरान क्रेन का पट्टा टूट गया। केबल उखड़ने से करंट भी फैल गया।
उसमें फंसा गर्म लोहे का कंटेनर नीचे आ गिरा और जोर का ब्लास्ट हुआ। इसकी चपेट में आकर वहां काम कर रहे 12 मज़दूर घायल हो गए। इसमें 3 मज़दूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हालांकि पुलिस ने इस मामले में फैक्ट्री मालिक, प्रबंधक और क्रेन चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
इससे पहले 1 जुलाई को तमिलनाडु के नेवेली में स्थित नेवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन (एनएलसी) में जोरदार तरह से बॉयलर फट गया था। जिसके कारण 6 मज़दूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 17 लोग घायल बताए जा रहे थे। पर सोमवार को मौतों का आकड़ा बढ़ कर 12 हो गया था।
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हर दिन तीन मज़दूर फैक्ट्री दुर्घटना का होते हैं शिकार
श्रम और रोजगार मंत्रालाय के आँकड़ो के अनुसार, पूरे भारत में 2014-2016 के बीच 3,562 मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में हुई हैं और 51 हजार से अधिक मज़दूर घायल हुए हैं।
यानी भारत में हर दिन तीन मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में होती है और 47 लोग घायल होते हैं।
ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल के 2017 के आँकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल 48,000 हजार मज़दूरों की मौत फैक्ट्री दुर्घटनाओं में होती है।
हमारे देश में न जाने कितनी ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जहां पर मज़दूरों के साथ इंसानों जैसा सलूक नहीं किया जाता है।
इसके बावजूद जितनी सरकारें आती हैं मालिकों के पक्ष में श्रम क़ानूनों को एक एक कर ख़त्म करने का काम करती हैं।
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