20 दिनों से कंपनी गेट पर धरना दे रहे मज़दूर, मैनेजमेंट नहीं ले रहा काम पर

20 दिनों से कंपनी गेट पर धरना दे रहे मज़दूर, मैनेजमेंट नहीं ले रहा काम पर

बहरोड़ औद्योगिक क्षेत्र फेज-3 स्थित ऑटोनियम इंडिया के 33 मज़दूर पिछले 20 दिनों से कंपनी के गेट पर धरना पर बैठे हैं।

मज़दूरों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन श्रमिकों के बातचीत के प्रस्ताव को लगातार अस्वीकार कर रहीं है।

मज़दूरों के मुताबिक प्रशासन के कंपनी प्रबंधन के साथ वार्ता के करने बाद भी कर्मचारियों को काम पर नहीं लिया जा रहा है, मैनेजमेंट के अधिकारी लगातार मनमानी कर रहे है।

धरना के 20 वें दिन श्रमिक और उनके परिजनों ने फैक्ट्री गेट पर प्रदर्शन कर नारबाजी की और गेट खोलने की मांग की।

मालूम हो कि ऑटोनियम के एक कर्मचारी ने प्रबंधन द्वारा परेशान करने के नियत से किये गये तबादले के विरोध में  आत्मदाह का प्रयास किया था  ,जिसके बाद अगले दिन सभी मज़दूर हड़ताल पर चले गये थे ।

 

3 मार्च को काम पर लौटे मज़दूरों के खिलाफ कंपनी प्रबंधन ने गेटबंदी कर दी,जिसके बाद से मज़दूर कंपनी गेट पर लगातार धरना दे रहे हैं। लेकिन कंपनी उन्हें काम पर लेने से मना कर रही है।

मज़दूरों का कहना है कि यूनियन के द्वारा  प्रबंधन पर लगातार श्रमिकों  के वेतन समझौते सहित  सभी भत्तों को लेकर बातचीत के लिए दबाव बनाया जा रहा था। कंपनी मैनेजमेंट को यह रास नहीं आया और उसने यूनियन के नेताओं का तबादला करना शुरु कर दिया ।

मज़दूरों ने बताया कि “इसी बीच कंपनी प्रबंधन, श्रम विभाग के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन ने कई दौर की वार्ता की लेकिन कंपनी अड़ियल रुख पर कायम है। कंपनी मज़दूरों को काम पर लेने के लिए किसी भी शर्त पर राजी नहीं हो रही हैं।”

मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र यादव ने बताया कि “कंपनी के अड़ियल रैवये से मज़दूर परेशान है। हमारे मामले की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। मज़दूरों का हर तरीके से शोषण कर रहा मैनेजमेंट ने एक दिन के हड़ताल को मौके तौर पर लेते हुए गेटबंदी का फैसला लिया है ताकि मज़दूरों के वेतन और अन्य मांगों से छुटकारा लिया जा सके।”

(राजस्थान पत्रिका की खबर से साभार)

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Abhinav Kumar

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