मज़दूरों ने वर्कर्स यूनिटी की मदद से शुरू की सामूहिक रसोई
कोरोना वायरस के चलते हुए लाॅकडाउन की सबसे अधिक मार मजदूर वर्ग पर ही पड़ी है। पूरे देश में जगह-जगह मजदूर पलायन और भुखमरी की मार झेल रहे हैं।
ऐसे में कई संस्थाओं और संगठनों द्वारा मजूदरों की अलग-अलग तरीकों से मदद करने की कोशिश की जा रही है।
ऐसा ही एक प्रयोग गुड़गांव में वर्कर्स यूनिटी हेल्पलाइन द्वारा किया गया जिसमें इंकलाबी मजदूर केन्द्र के साथियों का भी सहयोग रहा।
दरअसल गुड़गांव में जगह-जगह मजदूर फंसे हुए हैं जो कामबंदी के बाद पैसा ना होने के चलते भुखमरी की स्थिति में हैं।
ऐसे में एक प्रयोग के तहत आईएमटी मानेसर के कासन की ढाढ़ी गांव में जैन मंदिर के पास स्थित एक चाॅल में रहने वाले 50 मजदूरों को लेकर मानेसर में एक सामूहिक रसोई का आयोजन किया गया, जिसका संचालन खुद मजदूरों द्वारा किया जा रहा है।
हेल्पलाइन के द्वारा मजदूरों के सहयोग के लिए आम जनता से फण्ड कलेक्ट किया गया और इसमें से एक हिस्से का इस्तेमाल इन मजदूरों के लिए राशन खरीदने में किया गया।
कम्युनिटी किचन की तर्ज पर शुरू हुई मज़दूर किचन का संचालन करने वाले किशन कुमार का कहना है कि इसी राशन से ये मजदूर अपनी रसोई चला रहे हैं।
इस रसोई का संचालन करते हुए कोरोना वायरस से बचने के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।
उनका कहना है कि सामूहिक रसोई के जरिए मजदूर खुद भोजन बनाने और वितरण की व्यवस्था कर रहे हैं जोकि मजदूरों के
आत्मसम्मान को भी बढ़ा रहा है।
इस प्रयास में शामिल रहे इंकलाबी मज़दूर केंद्र के संयोजक श्यामबीर ने कहा कि ‘सामूहिक काम करने के चलते उनमें सामूहिक भावना भी पैदा हो रही है।’
उन्होंने कहा कि अभी ये प्रयोग बहुत छोटे स्तर पर है और मजूदरों के पास राशन भी कम मात्रा में है फिर भी ये रास्ता मजदूरों का सहयोग कर रहे लोगों को एक दिशा देता है।
ये मज़दूर खुद की मदद करने के अलावा प्रशासन पर भी दबाव बना रहे हैं कि इस सामूूहिक रसोई के लिए प्रशासन राशन की व्यवस्था करे।
ये मजदूरों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना भी सिखाएगा। तब तक इस छोटे प्रयोग को व्यापक स्तर पर चलाने की जरूरत है।
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