इंटरार्क में मशीने शिफ्ट करने के खिलाफ बढ़ा विरोध, फैक्ट्री के अंदर बैठे मजदूर, कार्यबहिष्कार का चौथा दिन
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में स्थित इंटरार्क बिल्डिंग मैटीरियल्स प्राईवेट लि. के किच्छा प्लांट से जबरदस्ती पुलिस की सहायता से मशीनों के शिफ्ट करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
प्लांट के मजदूर सामूहिक रूप से धरने पर बैठ गए हैं और कार्यबहिष्कार का उनका चौथा दिन है। रुद्रपुर के सिडकुल में कंपनी के दूसरे प्लांट में हाल ही में एक महीने के लॉकआउट के बाद कंपनी खुली है और वहां भी मशीने शिफ्ट करने की कोशिश हो रही थी।
ये सब तब हो रहा है जब अदालत में ये मामला चल रहा है और कोर्ट के आदेश के मुताबिक कंपनी को यथास्थिति कायम रखनी है।
उधर इन्टरार्क मजदूर संगठन ऊधम सिंह नगर व इन्टरार्क मजदूर संगठन किच्छा ने कहा है कि मजदूरों का मजदूर शोषण के विरोध में सामूहिक कार्यबहिष्कार जारी है।
यूनियन का दावा है कि कंपनी के द्वारा वर्करों को फैक्ट्री परिसर के भीतर ही बंधक दिया गया है और किसी को घर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इसलिए मजदूर वहीं धरने पर बैठ गए हैं।
यूनियन ने ये भी कहा है कि पंतनगर प्लांट में गैर कानूनी रूप से ठेके के मजदूरों को कंपनी के भीतर कराने के लिए कंपनी प्रबंधक ने गेट पर बाउंसर तैना कर दिए हैं।
ज्ञात हो कि इन्टरार्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के दोनों प्लांटों के मजदूरों का सामूहिक कार्यबहिष्कार कर रहे हैं और मजदूर परिवार समेत अपने-अपने धरना स्थल पर बड़ी संख्या में डटे हुए हैं।
मजदूरों का कहना है कि कंपनी प्रबंधक अपनी हठधर्मिता एवं द्वेष पूर्ण मानसिकता को खत्म कर मजदूरों के हकों और अधिकारों को ध्यान में रखते हुए करे सम्मानजनक समझौता ।
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कंपनी में गैरकानूनी काम
यूनियन के प्रधान दलजीत सिंह का कहना है कि कंपनी परिसर में गैर कानूनी रूप से ठेका प्रथा के अंतर्गत अप्रशिक्षित मजदूरों को लगातार नियोजित किया जा रहा है और उनको खतरनाक मशीनों व उपकरणों में काम करने को मजबूर किया जा रहा है।
मजदूरों का कहना है कि किच्छा में तो स्थिति यहां तक हो गई है कि मजदूरों के घर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। कंपनी परिसर के भीतर ही टेंट हाउस द्वारा टेंट के सामान मंगा कर मजदूरों को बंधक बना लिया गया है। अपने फायदे के लिए इंसान को इंसान ना समझना उनके साथ जानवरों जैसा सलूक करना किस हद गिरी हुई मानसिकता है यह इसी को दर्शाता है।
यूनियन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि गैर कानूनी रूप से ठेका प्रथा को बढ़ावा देते हुए कंपनी प्रबंधक स्थाई मजदूरों की जगह उन्हें नियोजित कर स्थाई मजदूरों के हकों पर कुठाराघात कर रहा है।
शासन प्रशासन से अनगिनत बार शिकायत करने के बाद भी कंपनी प्रबंधक के इन गैरकानूनी कृत्यों पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है जोकि मजदूर वर्ग के लिए बहुत ही निराशाजनक है।
विज्ञप्ति के अनुसार, “पंतनगर प्लांट में स्थाई मजदूरों के सामुहिक कार्यबहिष्कार के दौरान प्रबंधन द्वारा गैरकानूनी रूप से ठेका प्रथा को बढ़ावा देते हुए बाहर के व्यक्तियों बाउंसर को बुलाकर कंपनी परिसर में अप्रशिक्षित एवं सिडकुल क्षेत्र में नौकरी की तलाश में घूम रहे किसी भी क्षेत्र के मजदूर को जोखिम भरे मशीनों एवं कामों में नियोजित किया जा रहा है।”
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यूनियन का कहना है कि ऐसे कार्यों का उन वर्करों को कोई भी तजुर्बा नहीं है लेकिन कंपनी प्रबंधक द्वारा व ठेकेदारों द्वारा अपने लाइसेंस का दुरुपयोग करते हुए ऐसे तमाम वर्करों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है जो कि मानवता को शर्मसार करने के बराबर है।
यूनियन ने श्रम विभाग के अधिकारियों से व जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि इस गैरकानूनी कार्यवाही के ऊपर तुरंत लगाम लगाने की जरूरत है। अन्यथा सिडकुल के मजदूर स्वयं ही ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने को विवश होंगे।
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