आर्डनेंस फैक्ट्री मुरादनगर में दो दिन में कोरोना से 6 लोगों की मौत, कर्मचारियों में गु्स्सा, फ़ैक्ट्री बंद करने की मांग तेज़
उत्तर प्रदेश के मुरादनगर स्थित ऑर्डनेंस फ़ैक्ट्री में कोरोना के कारण कई कर्मचारियों की मौत से दहशत का माहौल पैदा हो गया है और कर्मचारी संगठन इस आयुध निर्माणी को कुछ दिनों के लिए बंद करने की मांग कर रहे हैं।
यहां 24 अप्रैल तक छह कर्मचारियों की कोरोना महामारी के चलते मौत हो चुकी है और कई लोग बीमार चल रहे हैं।
मज़दूर यूनियन के महामंत्री तेजेंद्र कुमार सिंह ने 25 अप्रैल को महाप्रबंधक को चिट्ठी लिखी थी जिसमें कहा गया था कि 24 अप्रैल, दिन शनिवार को कोरोना से छह लोगों की मौत हुई।
तेजेंद्र सिंह ने लिखा कि लोगों में कोरोना को लेकर इतना डर है कि जिन लोगों ने अंतिम सांस ली, उनके अंतिम संस्कार में जाना तो दूर उन्हें देखने तक लोग नहीं आए।
उन्होंने ऑर्डनेंस फैक्ट्री को तत्काल पूरी तरह बंद करने की अपील की, “कुछ दिनों के लिए निर्माणी को पूर्णतया बंद किया जाए, जान है तो जहान है। जब हम नहीं रहेंगे तो निर्माणी को चला कर क्या करेंगे?”
इससे पहले 23 अप्रैल को मुरादनगर ऑर्डनेंस फैक्ट्री के महाप्रबंधन को फैक्ट्री की कार्यसमिति की ओर से एक पत्र लिखा गया था जिसमें कोरोना से आवश्यवक बचाव के उपाय किए जाने की मांग की गई थी।
इस चिट्ठी में कहा गया है कि मुरादनगर आर्डनेंस फैक्ट्री में जो लोग मेरठ, दिल्ली आदि बाहरी जगहों से आकर काम कर रहे हैं उन्हें वर्क फ्राम होम की अनुमति दी जाए।
असल में 19 अप्रैल को भारत सरकार की ओर से पत्र F.No.-11013/9/2014- Estt. A-III Government Of India Dt. 19/04/2021 में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों से कार्यस्थल पर 50% उपस्थिति के साथ काम करने के लिए कहा गया था।
इस चिट्ठी में ये भी अपील की गई है कि मुरादनगर आर्डनेंस फ़ैक्ट्री अस्पताल में 25 बेड कोरोना मरीज़ों के इलाज़ के लिए आरक्षित किए गए हैं, उनपर कर्मचारियों के इलाज़ की तुरंत व्यवस्था की जाए। साथ ही फ़ैक्ट्री के रिहाईशी फ्लैटों में रोज़ सैनेटाइजेशन की व्यवस्था कराई जाए।
इस चिट्ठी में ये भी कहा गया है कि शिफ़ट ख़त्म होने के बाद कर्मचारियों को इकट्ठा न किया जाए, जिससे कोरोना से बचने में मदद मिलेगी। कार्यसमिति के संयुक्त सचिव अरविंद कुमार की ओर से ये पत्र लिखा गया था।
कर्मचारियों की कार्य समति के एक सदस्य अमित कुमार ने सोशल मीडिया पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा है, ‘पूरे देश के साथ हमारी निर्माणी में भी हालात काफी खराब है। विगत 2 दिनों में निर्माणी में जो दुखद घटना घटित हुई है उसका सभी को बहुत दुख है। कार्यसमिति की प्रबंधक महोदय और एडमिन गौरव वत्स से कई बार वार्ता हो चुकी है। निर्माणी प्रशासन भी कर्मचारियों के मन में व्याप्त डर से परिचित है और लगातार प्रयासरत है कि किस प्रकार निर्माणी कर्मचारियों को राहत दी जा सके।’
कर्मचारियों में व्याप्त दहशत को कम करने के लिए उन्होंने लिखा है कि निर्माणी को 50% जनशक्ति से चलाने या पूर्णता बंद करने का निर्णय बिना आयुध निर्माणी बोर्ड के आदेश के नहीं किया जा सकता। महाप्रबंधक महोदय ने चेयरमैन साहब से वार्ता की थी परंतु कोई परिणाम नहीं मिल सका।
उन्होंने कहा है कि जल्द ही इस बारे में एक प्रपोजल बनाकर बोर्ड को भेजा जाएगा। महाप्रबंधक महोदय और प्रशासन सभी के द्वारा कार्य समिति को आश्वस्त किया गया है निर्माणी कर्मचारियों को यथा संभव राहत किसी तरीके और रास्ते से दी जाएगी।
अमित कुमार ने कहा है कि निर्माणी चिकित्सालय में जो बोर्ड से आदेश आए हैं 25 बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए, उन्हें अतिशीघ्र बनाया जाए। उससे भी कर्मचारियों की बहुत सुरक्षा होगी और जो हमारे कर्मचारी भाई या उनके परिवार इधर-उधर हॉस्पिटल में जगह न मिलने के कारण परेशान है उनको अपने चिकित्सालय में बेड मिल जाएगा।
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