मुंडका कांड : “मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा दे सरकार”
मुंडका की फैक्ट्री में लगी आग में 27 मज़दूरों की दर्दनाक मौत हो गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हज़ार रुपए मुआवजा देने का एलन किया है उन्होंने घटना की मजिस्ट्रेट जाँच के ऑर्डर दिया है। दिल्ली सरकार का यह फैसला मज़दूर संगठनों को रास नहीं आया।
मज़दूर संगठनों मांग
इंकलाबी मजदूर केंद्र से मुन्ना प्रसाद का कहना है कि मृतकों के परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रूपये मुआवजा दिया जाये। साथ ही साथ दिल्ली में जितने भी इंडस्ट्रियल और नॉन कन्फोर्मिंग एरिया हैं, वहां की बिल्डिंगों और फैक्ट्रियों की सुरक्षा की नियमित जांच सुनिश्चित की जाये।
मजदूर एकता केंद्र से पृथ्वीराज की मांग है कि मजदूरों को न्यूनतम भत्ते दिए जाएं और उनके मस्टर रोल बनाए जाएं साथ ही मज़दूरों की हाज़िरी मेंटेन की जाये।
प्रगतिशील महिला संगठन की महा सचिव पूनम कौशिक ने कहा कि दिल्ली का श्रम विभाग दिल्ली की फैक्ट्रियों एवम अन्य कार्यस्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा के लिए जवाबदेह बनते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।
मज़दूर संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकरी भी घटना स्थल पर पहुंचे इनमे CITU से अनुराग सक्सेना और प्यारे लाल, HMS से नारायण
सिंह , LPF से मोहन कुमार, AITUC से विकाश शर्मा , AIUTUC से कविता , IFTU से राजेश , MEC से संतोष और क्रालोस से हरीश शामिल थे।
उत्तर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त का आदेश
उत्तर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल ने घटना के जांच के लिया 48 घंटो का समय दिया है साथ है। उन्होंने अधिकारियों से फैक्ट्री से सन्दर्भ में तमाम पहलुओं की विस्तृत जानकीरी भी मांगी है। कमिश्नर ने एक दूसरा आदेश भी जरी किया है उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र के सभी छह जॉन में सभी इमारतों की विस्तृत सर्वेक्षण किया जाये। जिसकी रिपोर्ट आने वाले दस दिनों के अंदर सौंपी जाये।
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