किसानों की तरह आंगनबाड़ी वर्करों के जुलूस धरने से घबराई खट्टर सरकार
आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्कर्स ने पंचकूला में स्थित मिनी सेक्रेटेरियट के सामने बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने पहले सीएम आवास का घेराव करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही बैरिकेड लगाकर रोक दिया।
आक्रोशित आंगनबाड़ी वर्कर्स पहले विभाग के निदेशक के कार्यालय पर गयी परंतु जब निदेशक दफ्तर में नहीं मिली तो आक्रोश और बढ़ गया और प्रदर्शनकारी कारवां मुख्यमंत्री का घेराव करने चल पड़ा।
सेक्टर 7 हाऊसिंग बोर्ड से कुछ दूर पहले प्रशासन की ओर से सुबह संदेश आया कि मुख्यमंत्री के ओएसडी ने बातचीत के लिए बुलाया है। ओएसडी ने पहले 15 दिन, फिर दस दिन का समय दिया और जब यूनियन नेता नहीं माने तो तीन दिन के अंदर मामले पर बातचीत करने की बात की।
लेकिन प्रदर्शनकारी आंगनबाड़ी वर्कर्स को मज़ूर नहीं था। जलूस आगे बढ़ा तो कुछ दूर बैरिकेटिंग लगाकर रोकने पर आंगनबाड़ी वर्कर्स ने वहीं पड़ाव डाल दिया और घोषणा की कि जब तक सरकार का कोई जिम्मेदार आदमी बात नहीं करता प्रदर्शन जारी रहेगा।
उनकी माँग है कि वर्कर कमला दयोरा का टर्मीनेशन रद्द करो, फर्जी मुकदमे रद्द करो, प्रथम फाऊंडेशन एनजीओ के साथ किया गया एमओयू रद्द करो, साल 2018 का समझौता लागू करो, आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर को सरकारी श्रमिक का दर्जा व वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन, भत्ते व पेंशन लागू करो आदि।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन की राज्य प्रधान कुंज भट्ट, वरिष्ठ महासचिव जगमति मलिक, महासचिव अनुपमा, उप प्रधान राजबाला, कैशियर कमला दयौरा, मनप्रीत कौर, मूर्ति, विमला राठी, परमिशन कौर, ऊषा पंचकूला आदि प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं।
जन संघर्ष मंच हरियाणा की महासचिव सुदेश कुमारी, ऊषा कुमारी, प्रवक्ता सोमनाथ, पूजा समर्थन में धरने में साथ बैठे हैं।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन का माँग पत्र-
- विभाग आंगनवाड़ी योजना को किसी भी तरीके से एनजीओ के हवाले करना बंद करे और प्रथम फाउंडेशन एनजीओ के साथ किया गया एमओयू रद्द किया जाए।
- आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की नेता कमला की टर्मिनेशन व अन्य केस वापस लिए जाएं।
- 10 मार्च 2018 को यूनियन के साथ किए गए समझौते में श्रमिक का दर्जा व वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन, भत्ते व पेंशन योजना का वायदा लागू किया जाए।
- भारत सरकार द्वारा 2018 में ₹1500 आंगनवाड़ी वर्कर तथा ₹750 हेल्पर्स के मानदेय में की गई बढ़ोतरी लागू की जाए।
- सुपरवाइजर के सभी पद आंगनवाड़ी वर्कर की सीधी भर्ती से भरे जाएं।
- हेल्पर्स की प्रमोशन का कोटा 25% से बढ़ाकर 50% किया जाए वह आयु सीमा खत्म की जाए।
- पोषण ट्रैकर एप पर रोक लगाई जाए। ऐप डाउनलोड करने से दुगना कार्य करना पड़ेगा फोन पर भी और रजिस्टर में भी। इससे अपने विभाग के कार्य जैसे टीकाकरण, गृह भ्रमण, बच्चों व गर्भवती महिलाओं का वजन, स्कूल पूर्व शिक्षा, मीटिंग व सर्वे आदि प्रभावित होंगे।
- आयुष्मान योजना से आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर को जोड़ने का काम विभाग स्वयं करवाए।
- सभी जिलों में आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर स्टोर का रुका मानदेय व सेंटरों का बकाया किराया तुरंत दिया जाए।
- केंद्र व राज्य की तरफ से दी जाने वाली मानदेय राशि, केंद्रों का किराया, फ्लेक्सी फंड आदि समय पर दिए जाएं।
- मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को पूरे केंद्र का दर्जा देकर उसमें हेल्पर्स की नियुक्ति की जाए।
- खाना बनाने के लिए सिलेंडर की सप्लाई विभाग द्वारा खुद की जाए। हर रोज 30 पैसे प्रति लाभार्थी के हिसाब से जो राशि दी जाती है वह काफी कम है, बढ़ाई जाए।
- अतिरिक्त केंद्र का चार्ज संभालने वाली आंगनवाड़ी वर्कर को 50% अधिक मानदेय दिया जाए।
- रिटायरमेंट पर सरकारी कर्मचारियों की तरह पेंशन सुविधा तथा एकमुश्त राशि दी जाए।
- मेडिकल अवकाश का प्रावधान किया जाए।
- फरवरी व मार्च 2018 के आंदोलन के समय का मानदेय दिलवाया जाए।
- आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को महामारी के समय बीपीएल कैटेगरी का लाभ दिलवाया जाए व सुरक्षा दी जाए।
- पंचकूला, रेवाड़ी व अन्य जिलों में कोविड-19 से या ठीक होने के बाद होने वाले दुष्प्रभावों से आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर बहनों की मौत अत्यंत दुखद है। उनके परिजनों को ₹50 लाख आर्थिक सहायता राशि दी जाए।
(मेहनतकश से साभार)
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