NURSE DAY: इधर मोदी दुनिया भर के नर्सिंग स्टाफ का आभार जताते रहे, उधर अहमदाबाद में नर्सें प्रदर्शन करती रहीं

NURSE DAY: इधर मोदी दुनिया भर के नर्सिंग स्टाफ का आभार जताते रहे, उधर अहमदाबाद में नर्सें प्रदर्शन करती रहीं

पूरी दुनिया में जहां एक तरफ 12 मई को  नर्स डे मनाया गया। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें अलग-अलग तरह से धन्यवाद अदा किया गया। कोरोना महामारी के दौर में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें समाज के अभिन्न अंग के रूप में दर्शाया गया। लेकिन गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में इसका ठीक विपरीत दृश्य देखने को मिला। दरअसल नर्स डे के दिन ही अहमदाबाद की नर्सों ने अपना मेहनताना बढ़ाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।

जिस चमचमाते गुजरात मॉडल को पूरे देश में बेचा गया उसकी असल स्थिति समय-समय पर ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने अहमदाबाद में नर्सों के इन हालात के ऊपर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में दर्जनों नर्स बेहतर मेहनताने के लिए प्रदर्शन करती हुईं नजर आ रही हैं। यह तस्वीर हमारे देश की स्वास्थ्य क्षेत्र की कलई खोलती है।  महामारी में जो नर्सें दिन रात एक कर लोगों की सेवा कर रही हैं उन्हें उनका हक भी प्राप्त नहीं हो रहा है।

गौरतलब है कि 12 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेशनल नर्स डे पर देश और दुनिया के नर्सों को शुभकामनाएं दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”इंटरनेशनल नर्स डे मेहनती नर्सिंग स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है, जो कोविड-19 से लड़ने में सबसे आगे हैं। स्वस्थ्य भारत के प्रति उनके कर्तव्य, करुणा और प्रतिबद्धता की भावना अनुकरणीय है।” हालांकि मोदी जी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने वाले गुजरात में नर्सों के हालात विरोधाभास उत्पन्न करते हैं।

सोशल मीडिया पर इस वीडियो पर लोगों की खूब प्रतिक्रिया आ रही है। जहां कुछ लोग लिख रहे हैं कि गुजरात मॉडल सिर्फ व्यापारियों के लिए है इसमें मध्यम वर्ग या गरीबों का कोई स्थान नहीं है। वहीं कुछ लोग नर्सों की मांग का समर्थन करते हुए सरकार से इस मामले पर ध्यान देने की गुजारिश कर रहे हैं। कुछ यूजर्स का यह भी कहना है कि नर्सों के काम करने के घंटे काफी अधिक होते हैं। जहां इस महामारी में लोग अपने घरों में हैं, ये दिन रात एक कर इस महामारी से लड़ रही हैं। उनके भी परिवार हैं। उनकी भी जरूरत हैं और सरकार को यह समझते हुए अपने ”सिस्टम” को सही करना चाहिए और उन्हें बेहतर मेहनताना देना ही चाहिए।

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Amit Singh

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