आंध्र में गोयंका की टेक्सटाइल फ़ैक्ट्री में 4000 वर्करों का विरोध प्रदर्शन, 25 मज़दूर नेता गिरफ़्तार
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले में टेक्स्टाइल वर्कर पिछले चार दिनों से न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और इस विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए मज़दूर नेताओं की गिरफ़्तारी की जा रही है।
वामपंथी पार्टियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इन गिरफ़्तारियों को ग़ैरक़ानूनी बताया है और मांग की है कि सरकार इसमें हस्तक्षेप कर मुद्दे का सामाधान निकाले।
अनंतपुर ज़िले में हिंदूपुर के थुमकुन्टा में टेक्सपोर्ट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की तीन इकाइयों में लगभग 4,000 कपड़ा वर्कर काम करते हैं जिनमें 90 प्रतिशत महिलाएं हैं।
वर्कर पिछले चार दिनों से न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वर्करों का कहना है कि कंपनी मात्र 6,000 रुपये प्रति माह के हिसाब से मजदूरी का भुगतान कर रही है।
शुक्रवार 9 अक्टूबर को, हिंदूपुर शहर में लगभग 500 वर्करों ने एक रैली निकाली और तहसीलदार के कार्यालय के सामने धरना दिया।
समाचार वेबसाइट न्यूज़ क्लिक के अनुसार, बिना यूनियन के ये श्रमिक कम वेतन को लेकर एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले सीटू के राज्य कमेटी के प्रेसिडेंट नरसिंह राव ने कहा कि ‘मज़दूर तब तक विरोध जारी रखेंगे जब तक उनका वेतन नहीं बढ़ाया जाता।’
सूत्रों का कहना है कि संयुक्त श्रम आयुक्त टेक्सपोर्ट के अधिकारियों से मिलकर श्रमिकों की मांगों पर चर्चा करेंगे।
सात अक्टूबर को, जिला पुलिस ने मजदूर आंदोलन का समर्थन करने के लिए हिंदूपुर में लगभग 25 ट्रेड यूनियनों के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
न्यूज़ क्लिक ने नरसिंह राव के हवाले से कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मज़दूरी भी इन वर्करों को नहीं दी जाती, इसके अलावा काम के हालात बहुत बदतर हैं, यहां तक कि ढंग से जगह भी नहीं है, जहां ये वर्कर काम करते हैं।
एक वर्कर के हवाले से वेबसाइट ने कहा है कि टेक्सपोर्ट की भारत में कुल 19 इकाईयां हैं और हिंदुपुर की तीन इकाईयों में सबसे कम वेतन दिया जाता है।
जबकि ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि लॉकडाउन जबसे लागू हुआ, कंपनी वर्करों को किश्तों में निकाल रही है।
आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 1978 में बनी टेक्सपोर्ट कंपनी कारपोरेट घराने गोयंका एंड फ़ैमिली द्वारा संचालित है और इसका सालाना कारोबार 9 करोड़ डॉलर है।
अपनी 19 इकाईयों में कंपनी हर महीने 14 लाख कपड़े तैयार करती है।
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