बांग्लादेश पुलिस की अंधाधुन फायरिंग में पांच मज़दूरों की मौत, 21 गो गोली लगी, चीनी कंपनी पर शोषण का आरोप

बांग्लादेश पुलिस की अंधाधुन फायरिंग में पांच मज़दूरों की मौत, 21 गो गोली लगी, चीनी कंपनी पर शोषण का आरोप

बीते शनिवार को बांग्लादेश के चटगांव में बंशीखाली के गंडामारा संघ के अंतर्गत बारघोना में एस आलम ग्रुप के एक निर्माणाधीन कोयला बिजली संयंत्र में पुलिस और मज़दूरों के बीच झड़प  में पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

बांग्लादेश के अख़बार द डेली स्टार के अनुसार, इस दौरान प्रदर्शनकारी मज़दूरों में से पांच की मौत हो गई और 21 अन्य को गोली लगी है। घायलों का इलाज चल रहा है।

अख़बार ने कहा है कि पुलिस ने 332 राउंड फायर किया और चार आंसू गैस के गोले दागे। चितगांव ज़िला पुलिस अधिकारों ने नाम न ज़ाहि करते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों ने शॉट गन से 270 फ़ायर किए। चाइना बुलेट से 62 फ़ायर और चार आंसू गैस के गोले दागे।

एसएस पॉवर प्लांट के कर्मचारी सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे थे, वे रमजान के दौरान ड्यूटी के समय को दो घंटे कम करने और बकाया भुगतान आदि की मांग कर रहे थे। उनका आरोप है कि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का बहाना करते हुए उन पर हमला कर दिया।

मृतकों में अधिकरतर युवा कर्मचारी शामिल हैं। घायलों का चटगांव मेडिकल कॉलेज कालेज के विभिन्न वार्डों में इलाज चल रहा है।

झड़प के बाद पावर प्लांट से बाहर निकलने वाले एम डी सज्जाद ने मीडिया को बताया कि चीनी अधिकारियों ने शुक्रवार शाम को कुछ मुस्लिम कर्मचारियों का अपमान किया क्योंकि उन्होंने इफ्तार और मगरिब की नमाज के लिए छुट्टी की मांग की थी।

इस घटना के बाद में, स्थानीय मज़दूरों ने संयंत्र के बाहर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया, जिसे लेकर कंपनी के अधिकारी काफी नाराज हो गए। मज़दूरों ने शनिवार सुबह भी अपना प्रदर्शन जारी रखा। लेकिन अचानक पुलिस ने मजदूरों पर लाठी चार्ज शुरू कर दिया।

एक अन्य मजदूर जाहिद हुसैन ने कहा कि पुलिस ने ही पॉवर प्लांट में आग लगा दिया और बहुत से मज़दूर भी कारखाने में अभी भी बंधक बने हैं। जबकि पावर प्लांट अथॉरिटी और पुलिस की दावा है कि उत्तेजित श्रमिकों ने चीनी श्रमिकों और पुलिस पर हमला किया और वाहनों में आग लगा दी।

शेडोंग Teijun इलेक्ट्रिक पावर इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे संयंत्र में कुल 3,500 स्थानीय कर्मचारी और 853 चीनी कर्मचारी काम कर रहे थे।

आंदोलन के बाद प्लांट अधिकारियों ने श्रमिकों की मांगों का मान लिया और मृतक परिवार में से प्रत्येक को मुआवजा देगा और घायल श्रमिकों को इलाज का खर्च उठाने की बात कही है।

(मेहनतकश से साभार)

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Workers Unity Team

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