अमित शाह के खिलाफ ट्वीट करने पर फिल्म डायरेक्टर अविनाश दास गिरफ्तार
देश में हर दिन पत्रकार, फिल्ममेकर, लेखक, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, आदि के गिरफ्तार होने का सिलसिला जारी है।
सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर गुजरात में क्राइम ब्रांच ने फिल्ममेकर और पत्रकार अविनाश दास को गिरफ्तार कर लिया है।
अनारकली ऑफ आरा के डायरेक्टर, अविनाश पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड की IAS पूजा सिंघल के साथ गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर पोस्ट की थी और तिरंगे का अपमान किया था।
ज्ञात हो कि पूजा सिंघल पर भ्रष्टाचार का आरोप है और उनपर मुकदमा चल रहा है। फोटो में वह अमित शाह के कान में कुछ बोलती नजर आ रही है।
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इस सिलसिले में उनके खिलाफ गुजरात में मुकदमे दायर थे जिनमें अहमदाबाद कोर्ट ने उनकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी।
फिलहाल अर्जी सुप्रीम कोर्ट में वह अर्जी लंबित है जिसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी है।
सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस के बावजूद गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उन्हें उठा लिया।
अभी कुछ ही देर पहले मित्र फिल्ममेकर अविनाश दास को अपने घर से निकलते ही मढ़ जेटी से गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच के लोग उठाकर ले गए। उनकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। पुलिस को यह नहीं करना था। हम लोग जरूरी कानूनी सलाह ले रहे हैं। सूचनार्थ। #ISupportAvinashDas pic.twitter.com/z6G5hLvtzh
— Ramkumar Singh (@indiark) July 19, 2022
संघी आईटी सेल के नुमाइंदे काफी समय से अविनाश दास पर घात लगाए बैठे थे।
कई दिनों से उनके खिलाफ सोशल मीडिया में “हिंदुओं की भावना आहात” करने के किये उनकी गिरफ़्तारी की मुहिम चलाई जा रही थी।
आईटी सेल के अकाउंटों ने आरोप लगाया है कि हिन्दू धर्म के साथ साथ उन्होंने तिरंगे का भी अपमान किया है।
बताते चलें कि अविनाश प्रभार खबर के संपादक रह चुके हैं।
देश में जो माहौल बना हुआ है इसमें आय दिन हिंदुओं की भावनाएं आहत होती रहती हैं।
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अविनाश पर इसीलिए आईटी सेल के टट्टू फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाते हैं क्यूंकि जो खबर उन्हें सूट ना करे, वह अपने आप झूठी हो जाती है।
कल ही पुलिस ने झारखंड से पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था। वहीं कुछ दिन पहले Alt News के ज़ुबैर को हिंदुओं की भावना आहत करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
हाथरस रेपकांड के समय से पत्रकार सिद्दिक कप्पन अभी भी जेल में सड़ रहे हैं जिन पर रेपोर्टिंग करने के पहले ही राजद्रोह का आरोप लगा दिया गया।
इशारा साफ है- चुप रहो वरना सरकार और प्रतिक्रियावादी दक्षिणपंथियों के खिलाफ आवाज उठाने पर जेल में ठूंस दिए जाओगे।
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