भीषण गर्मी में राजस्थान के गांव में काटे 800 बिजली कनेक्शन, नाफरमानी आंदोलन चला रहे 2 नेता गिरफ़्तार, 22 पर मुकदमा
राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने हनुमानगढ़ ज़िले के गोगामेड़ी गांव में बिजली विभाग के खिलाफ चल रहे आंदोलन के नेताओं को गिरफ़्तार करवा कर 800 घरों की बिजली कटवा दी है। यह घटना 27 मई की है।
मनमाने बिजली बिलों और बिजली दामों में बढ़ोतरी के विरोध में यह आंदोलन बीते तीन सालों से चल रहा है और धीरे धीरे आसपास के गांव तक में फैलने लगा था।
इतने दिनों में बिजली बिल न जमा करने और बिजली न कटने देने को लेकर जुझारू आंदोलन चलाए रखा।
ग्रामीणों का कहना है कि विभाग अनाप शनाप बिजली के बिल को वापस ले। सरकार 200 यूनिट तक की बिजली को फ्री करे और बिजली संशोधन विधेयक 2020 को वापस लिया जाए।
उनके मुताबिक, बिजली के एक एक कनेक्शन पर लाखों का बिल जारी किया गया है और विभाग इस पर सुनवाई करने को राजी नहीं है।
इस आंदोलन को बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले चलाया जा रहा है। इसके अगुवा नेता शैलेंद्र और कुमार संदीप पर आईपीसी की धारा 151 के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।
साथ ही गोगामेड़ी गांव के 21 प्रदर्शकारियों पर भी मुकदमा दर्ज़ किया गया है। सरकार ने पूरे गांव की बिजली कटवाने की लिए भारी पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया।
समिति का आरोप है कि दोनों नेताओं की गिरफ्तारी को 48 घंटों से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन अभी तक कोई चार्ट शीट नहीं तैयार की गई है।
ढाई साल से हो रहा है विरोध
हनुमानगढ़ के ग्रामीणों का कहना है कि “बिजली का जो बिल हम लोगों से लिया गया था वह बहुत ज्यादा है। हम इसका भुगतान नहीं कर सकते।”
इस संघर्ष को चलाने वाली बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिति का कहना है कि लोगों के पास “अतार्किक बिलों का बहिष्कार” करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
जनवरी में, खबर प्रसारित हुई कि राजस्थान में सरकारी विभागों ने कुल 14.83 करोड़ रुपये के बिजली बिलों का भुगतान नहीं किया। गांव के लोग इस बात से नाराज थे कि उन्हें 5 करोड़ से कम की राशि के लिए इतना परेशान किया जा रहा है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने से इनकार कर दिया और आंदोलन की भावना को कुचलने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है।
प्रदर्शनकारियों को अक्सर बिना किसी वैध आधार पर विरोध स्थलों से हिरासत में लिया जा रहा है। आरोप है कि उनके खिलाफ शांति भंग करने सहित कई झूठे आरोप लगाए गये हैं।
800 घरों का कनेक्शन कटा
The Hindu के अनुसार, बीते शुक्रवार दोपहर 2 बजे के करीब प्रदर्शनकारियों को गोगामेड़ी के स्थानीय पुलिस थाने में बुलाया गया और बताया गया कि बिजली विभाग के अधिकारी अगले दिन बिल बकाएदारों के बिजली कनेक्शन काटने के लिए आएंगे।
शाम को, नेथराना में लोगों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया लेकिन स्थानीय पुलिस ने इसे रोक दिया। साथ ही सीआरपीसी की धारा 113 के तहत 21 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सम्मन जारी कर दिया गया।
इस बीच गांव के करीब 800 घरों में बिजली कनेक्शन काट दिया गया और अधिकारियों ने सभी गांव वालों के मीटर जब्त कर लिए। पुरा गांव भीषण गर्मी में बिना लाइट के अंधेरे में डूबा हुआ है।
रविवार सुबह ग्रामीणों ने अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर स्थानीय बस स्टैंड पर फिर से जमा हो गए।
बिजली उपभोग्ता संगर्ष समिति का कहना है कि हर दिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन करते रहेंगे, न केवल उनके सहयोगियों को रिहा किए जाने तक, बल्कि सभी ग्रामीणों के खिलाफ झूठे आरोप हटाए जाएं।
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